अब मेरा मूड बहुत गर्म हो रहा था.
मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है तो मैं अपने ख्यालों में मीतू की चूत चाटने के बारे में सोच रहा था और मन ही मन खुश हो रहा था.
इधर मेरा लन्ड भी तनकर पूरा टाइट हो चुका था. मेरा लन्ड मेरी लोअर का तंबू बना चुका था.
मैं मुठ मारने के लिए रूम में चला गया.अचानक मीतू मेरे कमरे में खाना लेकर आई और बोली- भाई, आज हम दोनों एक साथ खाना खाएंगे.
मैं बैठ गया और हम दोनों खाना खाने लगे.मम्मी और छोटा भाई दूसरे रूम में पैकिंग कर रहे थे क्योंकि उन्हें कल सुबह जल्दी जाना था.
मैं और मीतू खाना खा रहे थे.इतने में मीतू का चम्मच नीचे गिर गया और जब वह उसको उठाने के लिए झुकी तो उसकी गांड को देख कर मेरा तो लन्ड फटने को हो गया.
मीतू की नज़र खाना खाते-खाते मेरे लन्ड पर पड़ी और उसने अनजान बनने की कोशिश करते हुए कहा- और भाई … क्या चल रहा है आजकल?
मैंने कहा- कुछ खास नहीं, बहुत बोर हो रहा था. मगर अब तुम आ गई हो तो मस्ती करेंगे.उसने कहा- हां भाई, अब बोर नहीं होने दूंगी मैं आपको! मैं ओपन माइंडेड हूं.
मैंने मज़ाक मज़ाक में पूछा- और बता … कोई बॉयफ्रेंड है या नल्ली है?इस पर मीतू ने कहा- भाई मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और न ही चाहिये है.
फिर मीतू ने मुझसे पूछा- आपकी है क्या कोई गर्लफ्रेंड?मैंने कहा- थी … मगर अब नहीं है, ब्रेकअप कर लिया.
मैंने फिर उदास सा चेहरा बनाते हुए कहा- मुझसे कोई प्यार नहीं करता, मैं तो बहुत अकेला महसूस करता हूं.वो बोली- भाई … ऐसे मत कहो, आपकी बहन आपसे करती है.
मैंने कहा- तू नहीं समझेगी, मैं उस प्यार की बात नहीं कर रहा.मीतू मेरी बात को समझ नहीं पाई और बोली- मैं मेरे हैंडसम भाई को बहुत प्यार करती हूं और अपने भाई की खुशी के लिए जान भी दे सकती हूं.
मगर मुझे जान नहीं, गांड की जरूरत थी.
ऐसे ही हम दोनों में बातें होती रहीं.
फिर होते होते रात के 9 बज गए.
मीतू दो गिलास दूध लेकर रूम में आई और मैंने अपना गिलास पकड़ा और दूध पीने लगा.मैंने अपना गिलास खाली किया तो मीतू ने कहा- भाई … मुझे दूध पसंद नहीं है. आप मेरा दूध भी पी लो, मुझे अच्छा नहीं लगता पीना.
मैंने डबल मीनिंग बात करते हुए कहा- अगर मैं तुम्हारा दूध पिऊंगा तो तुम्हें अच्छा लगेगा?शायद वो समझ गई थी कि मैं किस दूध की बात कर रहा था.
उसने कहा- भाई जल्दी पी लो मेरा दूध, मुझे गिलास रख कर आना है रसोई में!मैंने गिलास पकड़ा और पूरा गटक गया.
लेकिन मेरा ध्यान मेरी बहन की चूचियों पर था.वो सफेद रंग की पतली टी शर्ट में से साफ उभर रही थीं.
उसके बाद मैं और मीतू रात को बाते करतें रहे और पता ही नहीं चला कब 11 बज गए.