असामान्य

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शाम का समय था। सुरेश और मनोज दोनों किसान, दिनभर के काम के बाद थके-हारे अपनी चारपाई पर बैठे थे। उनके हाथों में शराब का गिलास था, और धीरे-धीरे नशा उन पर हावी हो रहा था।

सुरेश ने थकी आवाज़ में कहा, "आज तो बड़ी मेहनत की, भाई। अब तो बस सोने का मन है।"

मनोज ने भी हंसते हुए जवाब दिया, "हां, सच में। ये खेतों का काम कभी खत्म ही नहीं होता।"

दोनों हल्की-हल्की झपकियों में जाने लगे थे, तभी मनोज ने अचानक अपनी धुंधली नज़रों से कुछ देखा। उसकी आवाज़ कांप उठी, "अरे सुरेश... वो... वो क्या है?"

सुरेश ने आँखें मलते हुए जवाब दिया, "अरे कुछ नहीं यार, जंगली सूअर होंगे। रोज़ आ जाते हैं खेतों में बर्बादी करने।"

वह अपनी फावड़ा उठाकर बोला, "मैं अभी भगा देता हूँ उन्हें!" और खेत की तरफ बढ़ गया।

जैसे ही सुरेश खेत में पहुँचा, आसमान अचानक काला हो गया। उसे कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उसने अपनी टॉर्च जलायी और जो दृश्य उसने देखा, उसने उसकी रूह कंपा दी। वहाँ जंगली सूअर नहीं थे। वो अजीब, डरावने राक्षस थे। उनकी त्वचा काली थी, तेज़ दाँत और लाल आँखें जो चमक रही थीं। सुरेश का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। वह कांपते हुए चीख उठा, "ये क्या है!"

राक्षसों ने सुरेश पर हमला कर दिया। डर से उसने अपने हाथों से खुद को ढंक लिया, तभी अचानक एक तेज़ गोली की आवाज़ आई और एक राक्षस ज़मीन पर गिर पड़ा। सुरेश ने पीछे मुड़कर देखा, एक आदमी चमड़े की जैकेट और काले जंपसूट में खड़ा था, उसके हाथ में एक सफ़ेद शॉटगन थी जिससे नीली लेज़र निकल रही थी। वह हीरो की तरह खड़ा था। उसकी हेलमेट पर लगे ईयरपीस से किसी की आवाज़ आई, "AK7, सावधान रहो। ये दानव और भी ख़तरनाक हो सकते हैं।"

AK7 ने सुरेश को उठाते हुए कहा, "भागो यहाँ से, मैं संभाल लूंगा।" सुरेश घबराते हुए पीछे हटने लगा, लेकिन AK7 ने राक्षसों पर फायरिंग शुरू कर दी। उसके शॉट्स बिल्कुल सटीक थे, पर अचानक एक राक्षस ने उसकी बंदूक को उछाल दिया। AK7 एक पल को रुका, फिर अपनी चाकू निकाली और दोबारा लड़ाई की पोजीशन ले ली।

सुरेश बुरी तरह से हांफ रहा था, लेकिन तभी एक और राक्षस उसकी तरफ बढ़ने लगा। अचानक, एक दूसरा सैनिक प्रकट हुआ और उसने सटीक निशाना लगाते हुए उस राक्षस को मार गिराया। सुरेश इस संघर्ष के बीच बेहोश होकर गिर पड़ा।

AK7 ने पीछे मुड़कर देखा, उसके साथी ने दूर से ही हर राक्षस को मार गिराया था। उसकी निशानेबाज़ी कमाल की थी। दोनों सैनिकों की कोऑर्डिनेशन इतनी अच्छी थी कि कोई राक्षस उनका मुकाबला नहीं कर सका। अंत में, सभी राक्षस बेहोश हो गए। अचानक और सैनिक वहाँ आ गए और उन्होंने राक्षसों पर एक चिप लगाकर उन्हें कहीं टेलीपोर्ट कर दिया।

AK7 ने अपना हेलमेट उतारते हुए कहा, "ये तो बहुत आसान मिशन था।"

दूसरे सैनिक ने भी अपना हेलमेट उतारा, और सामने निकली एक खूबसूरत लड़की, जिसके लंबे बाल हवा में लहरा रहे थे। AK7 उसकी सुंदरता से चौंक गया। उसने कहा, "तुम सच में बहुत खूबसूरत हो, निक्की।"

निक्की ने उसे गुस्से से देखा और बोली, "मिशन पर ध्यान दो, मुझ पर नहीं। और वो नशे में धुत किसान कहाँ है?"

AK7 ने हंसते हुए कहा, "उसे तो पहले ही सैनिकों ने टेलीपोर्ट कर दिया है।"

निक्की ने टेलीपोर्ट करते हुए कहा, "चलो, हेडक्वार्टर लौटते हैं।" AK7 भी उसके पीछे-पीछे टेलीपोर्ट कर गया।

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