ये दिल हमारा जिसपे फिदा है
वो इस जमाने में सबसे जुदा है
बच ना सका उनसे दिल कोई ऐसी
दिल को चुराने की उनमें अदा हैअन्दाज भी है बहुत सीधा सादा
निभाना भी आता है हर एक वादा
दिल चीरते हैं अगर आँखों से तो
नाजुक भी हैं वो फूलों से ज्यादाआँखों से नींदें चुराते हैं अक्सर
सपने में आकर सताते हैं अक्सर
जब भी करें बात हम उनसे जालिम
हँस के गिराते हैं बिजली सी दिल परकैसे रहें हम बिना बात उनसे
जाहिर करें कैसे जजबात उनसे
करते बयां दिल की हर एक हसरत
होती अगर इक मुलाकात उनसेकोई गज़ल है या कोई कहानी
कोई अप्सरा है या परियों की रानी
दिल करता है उनकी मासूमियत पे
लुटा दूँ अभी मैं ये जिन्दगानी©all rights reserved
raj kumar