कुछ साल पहले ब्रिटेन की जिस आईटी कंपनी के लिए मैं काम किया करता था उसने एक क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया. प्रतियोगिता में ब्रिटेन और भारत से जुड़े सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे जाने वाले थे. मैंने भी उस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया यह सोच कर कि एक भारतीय होने के नाते कम से कम भारत से जुड़े प्रश्नों के उत्तर तो मुझे पता ही होंगे. प्रतियोगिता में एक बड़ा आसान सा प्रश्न पूछा गया, "अंग्रेजी के 'फॉरेन' शब्द को हिंदी में क्या कहते हैं"
इस मौके को भला मैं कैसे छोड़ सकता था. तुरंत ही बज़र दबाते हुए मैंने कहा, "विदेश".
मगर प्रश्नकर्ता के चेहरे के भावों से ऐसा लगा मानो वह मेरे उत्तर से संतुष्ट न हो. मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ. भला मेरा उत्तर गलत कैसे हो सकता है? यकीनन फॉरेन को हिंदी में विदेश ही कहते हैं. कहीं क्विज़ मास्टर ने अमरीश पुरी पर फिल्माए गीत 'आई लव माय इंडिया..' को देख कर प्रश्न का उत्तर 'परदेस' तो नहीं सोच लिया?
इससे पहले कि मैं कोई तकरार करता क्विज मास्टर ने मुझे बताया कि जिस उत्तर की उसे अपेक्षा थी वह था, 'विलायत'.
'धत्त तेरे की', उसके बाद कुछ वक्त मुझे उसे हिंदी और उर्दू के बीच के फ़र्क को समझाने और विलायत शब्द के अरबी मूल की जानकारी देने में बीता. मगर तटस्थ होकर सोचने पर मुझे लगा कि वह कुछ गलत भी नहीं था. आज भी अँगरेज़ तो यही जानते हैं कि हम हिन्दुस्तानी इंग्लैंड को विलायत और अंग्रेजों को विलायती कहते हैं. भारत पर अंग्रेजी राज के दौरान भारत में रहने वाले अँगरेज़ खुद इसी शब्द का इस्तेमाल किया करते थे और इंग्लैंड को विलायत और खुद को विलायती कहते थे. जब कोई अँगरेज़ भारत से इंग्लैंड आने वाला होता तो वह कहता, "आई ऍम गोइंग बैक टू विलायत"
यही विलायत अंग्रेजी उच्चारण में बिगड़ कर 'ब्लाईटी' हो गया और इंग्लैंड के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला एक पॉपुलर स्लैंग बन गया. आज भी जब कोई अँगरेज़ विदेश घूम कर वापस इंग्लैंड लौटता है तो कहता है, "ग्लैड टू बी बैक टू ब्लाईटी"

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Letter From London
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