जात-पात छुआ--छुत
धर्म--महजब बन गया निती है
ये ही तो आज की राजनीति हैमै पासवान तु यादव है
मै पिछड़ा तु आती पिछड़ा है
ये केह रहा मेरा नेता है
विकाश होगा हर तरफ
सड़क बनेगा नाले बनेंगे
शिक्षा का हक मिलेगा
क्योकी मै पिछड़ा हुं-समझता दुख अती पिछड़ो का हुं
क्या समझेंगे दुख हमारा ऊची जात वाले
मै नेता आप के जात का हुं
मुस्लिम -हिन्दु को आपस मे बाटन
भाई को दुस्मन बनाना निती है
यही तो आज कि राजनीतिहैदेखो हर तरफ राजनीति का बाजार सजा है
इंसानियत का मोल आज कौड़ी लगा है
धर्म आज लाखो मे बिक गया है
अब रामराज दिखता नहीं है
सबरी का सबर बिक रहा है
देखो आज राजनीतिके बाजार मे
भक्त का भगवान बिक रहा है
देखो आज श्री राम बिक रह है
धर्म के नाम पर इंसान बेचना निती है
येही तो आज की राजनीति हैराम गली मे बिक रहा
गले मे ताबिज बन रहीम लटक रहा
अब मीरा के तान किसी कानो तक पहुंचते नहीं
अब कृष्ण गाथा किताबो मे
राम मन मे नहीं, मंदिरो मे पाये जाते है
इंसान इंसानियत से मुह मोरे खड़ा है
धर्म के नाम पे आपस मे लड़ रहा है
राम और रहीम के नाम पे इंसान बाटना निती है
यही तो आज की राजनीति हैवह सफेद वस्त्र मे खड़ा
हाथ मे माईक लिये अड़ा
कोई हमे धर्म के नाम पर
कोई जाती के नाम पे लड़ा रहा
मंदिर महजीद मे दरारे पर रहे
आदमीयता कहीं खो -रहा
हम सब का रूधिर ऐक सा है
हमारा दर्द भी ऐक सा है
हर भुख का हल अन्न है
हर जिंदगी का अंत मौत है
फिर क्यो?आपस मे उदासी है
जात पात का रोड़ा है
धर्म महजब का दिवार है
अल्पसंख्यक को बहुसंख्यक के नाम से डराना निती है
येही तो आज की राजनीति हैहम सब जानते और समझते है
फिर भी जाती के नाम पे बिक जाते है
राजनिती के बाजार मे
आरक्षन का झुन-झुना देखकर
विकाश का कटोरा हम हाथो मे पकड़ लेते है
विकाश के नाम पे आरक्षन का झुन-झुना पकड़ाना निती है
येही तो आज की राजनीति हैहम वहीं रह गये
ना सड़के बन पाई
ना सर पे छत आ पाया
अब निवाला भी नही थाली मेहर तरफ शोर मचा है
विकाश सिर्फ नाम बनकर रह गया है
आरक्षन संगीत बन गया है
ये कैसी निती है
यही आज की सफल राजनीति है
------ सोनु झा