इज़्ज़त

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अपनी ही चौखट पे कड़ी होके
वो इज़्ज़त की भीक मांगती रही.
धर्म के नाम पे
हर दिन इंसानियत अपनी इज़्ज़त खोती रही.
मानो उसको जिसपे आपको भरोसा हो
इंसान में भी भगवान मिलेगा
अगर आँखे अपनी खुली हो.

Shayrana AndaazWhere stories live. Discover now