बहुत सह लिया था मैने,बहुत सुन लिया था मैने,बहुत कुछ देख लिया था मैने !
बस प्यार ही था उसके और मेरे बीच जो मुझे उससे अलग नही होने दे रहा था !
१० साल का रिश्ता था उसका मेरा,जिन्दगी का हर एक पल मैने उसके साथ जीने की कस्मे खाई थी ! हर एक रात अपनी आँखो में सपने देखे थे उसके साथ जीने मरने के !
चूक कहाँ हुई ? कि आज मै उसे अपनी जिन्दगी से दूर करने के लिये मजबूर हूँ ! क्यो कि वो मुझे समझ ही नही पाया ,ना मुझे ना मेरे प्यार को !
कभी वो टाईम था जब वो मेरा चेहरा देखे बिना कुछ खाता और पीता भी नही था ! मुझसे बात ना हो उस दिन वो कुछ कर नही पाता था !
लेकिन मेरे प्यार में ना कुछ बदलाव आया ना मेरा प्यार कम हुआ तो उसका कम कैसे हो गया !आज उसे मेरी बाते बुरी लगती है कहता है कि मैं अब उसे समझती नही !क्यो नही समझती मैं उसे ?उसे ऐसा क्यो लगने लग गया इतने सालो बाद ?
क्यो कि मैं उसे जिन बातो से पहले मना करती थी वही बातो से आज भी मना करती थी !पहले उसे बुरा नही लगता था मेरी सुन लेता था आज कहता है कि मेरा सर मत खाऔ !मैने कितनी बार उसे किसी दुसरी लडकी के साथ देख लिया ,हर बार मेरे पुछने पर बोलता है वो मेरी सिरफ दोस्त है ! दोस्त के साथ बाँहो में बाहें डाल कर तो नही बैठते ना ! मुझे बुरा तो लगता है ना !
कभी वो टाईम था जब मेरा किसी की तरफ देखना भी उसे बुरा लगता था ,लेकिन आज मैं उसके सामन् किसी से भी बात करू उसे फर्क नही पडता !तो कैसे करू यकीन कि वो बदला नही ?
फिर भी मैने अपने दिल के हाथो मजबूर हो कर उसके साथ निभाना चाहा !क्योकि मेरे दिल में उसके लिये प्यार कम हुआ ही नही !
मैंने उसे रोकना टोकना ही बन्द कर दिया वो इसलिये कि वो खुश रहै !
लेकिन शायद रिश्ते जबरदस्ती नही रूकते !उसे मेरे साथ रहना ही नही था ,तभी वो मेरे से दूर दूर ही रहने लगा ! मैं उसके लिये इतनी पागल थी कि मैने उसे खोने के डर से उसके सामने गिडगिनाना शुरू कर दिया कि तुम जैसा चाहते हो मैं वैसे ही रह लूगी तुम बस मुझे छोड कर मत जाना !
लेकिन शायद उसे अब मेरा प्यार और मैं दोनो बोझ लगने लगे थे ! इसलिये उसने मुझसे एक सौदा करने को कहाँ !!सौदा ये था कि वो किसी और लडकी को प्यार करने लग गया था और बोला अगर तुम चाहती हो कि मैं तुमको छोड कर ना जाऊ तो तुमको मुझे उसका मेरे सामने उस लडकी से मिलना जुलना देखना होगा और चुप रहना होगा !
मेरे दिल पर जैसे आरी चल रही थी क्या ये मेरे ये मेरे सच्चे प्यार करने कि सजा थी ??
लेकिन ये सजा मुझे मन्जूर नही थी !
तो मैने अपने दिल पर पत्थर रख कर कह दिया " जाने दे मुझे "
और बस आज में तन्हा खुश हूँ ! बहुत खुश ! हाँ