हिन्दूस्तान पाकिस्तान कितना प्यारा नाम,
दो देश कभी ना हो पाये मेहरबान,
दुश्मनी करके फायदा है क्या ?
एक दिन सब कुछ छोड़ कर स्वर्ग में जाना नहीं है क्या ?
फिर भी मार-मार काट-काट यही सब का सार,
कब बुझेगी खून खराबी यही सोचने की बात,
दो देश है पड़ोसी, कभी मेल कर नहीं रहना चाहते,
अपनों ने बनाया हिंदू मुस्लिम,
खून का रंग है एक,
फिर भी कोई ना पाया प्यार की सीख
मैं क्या कर सकती दुर्बल नारी,
यही रहेगी तमन्ना मेरी,
कभी ना कभी होकर रहेगी दो देशों की दोस्तानी।

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चढ़ता सूरज
RandomA poem by a naive poet expressing the sorrow for India's and Pakistan's division 😭