बहुत भाता है हमें हर अंदाज़ आपका
बच्चों से भी मासूम है, यह चेहरा आपका
जब बाहों में भर्ती हो, तो दर से कांप जाता हूं
कहीं टूट ही ना जाए ये बाजू आपका
संभल के चला कीजिए बहुत रहूं में खार हैं
बहुत ही कोमल हैं ये पैर आपका
मत बहाइएगा आंसू कभी मेरी याद में
सहा नहीं जाएगा हमसे रोना आपका
दूर मत जाया कीजिए तन्हा हमें छोड़कर
बहुत रुलाता है हमें दूर जाना आपका
मत घूमा कीजिए वीरान वादियों में
चेहरा चूम न ले मौसम सुहाना आपका
मेरे दिल की चादर पर पैरों से पहरों सोया करो
अच्छा लगता हैं सीने पर ,हमें सोना आपका
लोग खाक ढूंढते हैं, हमें खुदा मिल गया
तमाम ज़िन्दगी करेंगे हम सिजदा आपका
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बिखरे अल्फाज़
Puisiये मेरी लिखी सारी कविताओं का संग्रह है....यदि आपको पसंद आए तो कृपया मुझे वोट करें....नवीन नहर