अरमान-ए मुहब्बत
तेरी आरज़ू तेरी ज़ुस्तज़ु ,है आशिकी मेरी मेरे रूबरू सिर्फ तू सिर्फ तू
प्रस्तावना यह नाटक हमारे समाज में जब एक बेटी का जन्म होता है तब से लेकर अपनी पूरी जिंदगी के सफ़र में वो किस तरह अपने सपनो का त्याग अपने परिवार के लिए करती है । पर कहीं न कहीं उसके सपने उसे एहसास दिलाते है की उसका भी अपना कोई अस्तित्व है , अपने प्रति उसकी कोई जिम्मेदारी है । इस नाटक को लिखते वख़्त किरदारों के साथ पूरी ई...
मेरी एक कविता बाबुल के आँगन की रौनक थी जो बेटी ... क्यों पल में पराई हो जाती है ................. अपनी बातों से जो महकाती थी आँगन ..... परदेश में जा कर क्यों गुमसुम सी हो जाती है .... माँ की गोद में सर रख कर जो सुकूँ पाती थी बेटी परदेश में प्यार भरे स्पर्श को क्यों तरस जाती है बाबुल से मनुहार कर के जो अपनी बाते मनवा...
ग्लोबल एजुकेशन प्लेटफार्म वत्तपद के साथ मिलकर भारत में सबसे अधिक समावेशी डिजिटल लेखन प्रत्योगिता का शुभारम्भ करने जा रहे है, जिसका नाम योर स्टोरी इंडिया है | यह प्रत्योगिता आपके बारे में है, भारत के युवाओ के लिए के बारे में है और हम आपकी कहानी सुन्ना चाहते है | शीर्ष विजेताओ को एक HP लैपटॉप, टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एक फी...