नाम ..मनीषा गुप्ता
शिक्षा ..एम ए हिंदी
कृतियाँ ...1- बरसात की शाम
2......जिंदगी कैसी है पहेली
3.....औरत दास्ताँ दर्द की
साँझा संकलन ...काब्य सुगंध
काफी समाचार पत्रों में मेरी कविताएँ , कहानी , नाटक ,और लेख छपते हैं ।
उद्देश्य ..... लोगो के दिलो में अपनी लेखनी को बसाना , अपने लेखन से पैसा कमा कर जरुरत मंदो के लिए कुछ करना , एक वृद्ध लोगो के लिए एक ऐसी जगह बनाना जहा वो अपने हुनर को फिर से जग सके और खुद अपनी जरूरत पूरी कर सके किसी पर अशरफ हुए बिना ।
और सबसे बडा उद्देश् अपने पापा के सपने को पूरा करते हुए एक नाट्य संस्था खोलना और उसका देश बिदेश में विस्तत
पर सपने अभी अधूरे है ढ़ूँढ रहे हैं अपना विस्तार जो होंगे जरूर पुरे ।
- ऋषिकेश
- JoinedMarch 11, 2016
- website: Www.manishaguptta0.blogspot.com
- facebook: मनीषा's Facebook profile
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बदल जाए रुख तो बेपरवाही न समझना दुनिया को ढूंढने मेरे जज़्बातों का कारवां निकला है ।eमनीषाView all Conversations
Stories by मनीषा गुप्ता
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इंसान रोज़ एक मौत मरता है (नाटक )
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प्रस्तावना
प्रस्तुत नाटक में मैंने ,किस तरह हर वर्ग के लोगों को जीने के लिए खुद से लड़ना पड़ता है । न जाने कितन...
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