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  • भूमि समस्या (आदि से वर्तमान तक)
    15.4K 36 15

    धरती पर अधिपत्य को लेकर संघर्ष होते रहे और अंततः धरती अपने उस स्वरूप में आ गयी जो आज विद्यमान है जिसमें अधिपत्य के आधार पर देशों का निर्धारण हुआ। .....इसी समस्या के मूल में जाकर मुख्यतः भारत के संदर्भ में व्यौरा जुटाया गया है। ...

  • आज भी जिन्दा हैं महात्मा गांधी...!
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    धाय.... धांय....धायं ....की आवाज के साथ 30 जनवरी के दिन महात्मा गांधी की जीवन लीला सम्माप्त हो गयी थी पर...... नाठुराम गोडसे! क्या तुम सचमुच गांधी को मार पाए?

  • चेतन भगत 'हाफ गर्लफ्रैन्ड' की समीक्षा
    5.9K 38 3

    कुछ वर्ष पहले जो चेतन भगत दूसरे निर्माता निर्देशकों पर उनकी कहानी को चुराने का आरोप लगाते थे आज स्वयं उन पर ही एक नये लेखक की कहानी को चुराकर उपन्यास का ताना बाना बुनने का आरोप लग रहा है

  • कितने सुदामा चरित?
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    कवि नरोत्तमदास का एकमात्र खण्ड-काव्य ‘सुदामा चरित’ (ब्रजभाषा में) मिलता है जो हिन्दी साहित्य की अमूल्य धरोहर मानी जाती है

  • कोलाहल से दूर
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    समाज सेवा, राजनीति, शिक्षा जैसे अनेक क्षेत्रों में बड़ा कोलाहल मचा रहता है कि अमुकजनों ने बड़ा काम किया है परन्तु कुछ ऐसे भी है जिन्हें कोलाहल से दूर रहकर काम करने में ही आनंद का अनुभव होता है । यह पृष्ट उन्ही प्रयासों को स्मरण करने के लिए निर्मित किया गया है।

  • चेतन भगत के उपन्यास की समीक्षा
    1.1K 7 5

    चेतन भगत के उपन्यास टू स्टेटस का हिन्दी अनुवाद रूपा पब्लिकेशन ने 2012 में छापा है समूचे उपन्यास की समीक्षा

  • वाटपैड हिन्दी साहित्य पहेली
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    हिन्दी गद्य साहित्य से जुडी पहेलियों का अनूठा संकलन जो आपके हिन्दी साहित्य ज्ञान को बढायेगा

  • पुष्पा सक्सेना के उसका सच की समीक्षा
    1.5K 12 2

    नारी मन के आंतरिक विद्रोह की कहानियां

  • आधा-अधूरा
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    पढ़े-अनपढ़े ------------------------ आह ये भारत की दीन-हीन दरिद्र भाषाओं में लिखने वाले जाने क्या समझते खुद को भीड़ के आगे मशाल लेके चलने वाले रहनुमा उन्हें ज्ञात हो जाए अब भीड़ ने अपना रहनुमा खोज लिया है उनके रहनुमा बने रहने के दिन लद गये और इतने बरस सिर्फ लिखकर, छपकर उन्होंने इकट्ठा ही किया है कूड़ा कितने कम है...

    Completed  
  • हिन्दी साहित्य में स्थान बनाती जापानी विधाऐं
    830 7 6

    भारतीय साहित्य की उर्वरा भूमि में हाइकु हिन्दी के साथ -साथ विश्व की सभी प्रमुख भाषाओं में लिखा और पढ़ा जा रहा है ।

  • चेतन भगत ' रिवाल्यूशन 2020' की समीक्षा
    2.6K 25 2

    बेस्ट सेलर नावलिस्ट चेतन भगत की नयी किताब रिवाल्यूशन 2020 का हिन्दी अनुवाद श्री सुशोभित सक्तावत ने वर्ष 2013 में किया है ।

  • उत्तराखण्ड के शिल्पकार
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    उत्तराखंड राज्य में आजादी के पैसठ साल बाद भी शिल्पकार समाज अपनी सही स्थिति के आकलन की बाट जोह रहा है।

  • भारतीय मीडिया में दलितों की स्थिति
    1.1K 24 5

    मीडिया में दलित प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण दलितों से संबंधित समस्या सामने नहीं आ पाती.

  • दलित साहित्य आंदोलन
    3.4K 8 6

    वैदिक काल में ऋग्वेद के पुरुष सूक्त से जो वर्ण व्यवस्था चली, वह आज भी जारी है। शिक्षा और जागरुकता के अभाव में दलित इससे वंचित रह गये।’ -एमएन श्रीनिवास , प्रख्यात समाज शास्त्री ( सन् 1966 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘सोशलाजिकल स्टडी आफ मार्डन इंडिया’ में )