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पनघट तकby Saba Parveen
सुन के कोई आहट दौड़ी चौखट तक मैं आ जाती
दी होती आवाज तो शायद पनघट तक मैं आ जाती
कोरा कागज़,कोरे दिल का कोई फसाना
लिख देते
प्यार में बोले जाने वाले कोई बहाना लिख
देते...