• JoinedSeptember 1, 2024



Stories by Saba Parveen
एक खंडहर में जीती जिंदगी by parveen424
एक खंडहर में जीती जिंदगी
शीर्षक: एक खंडहर में जीती जिंदगी भीड़ में अकेला रहना या अकेले किसी खंडर में रहना क्या एक ही बात है....? दोनो...
पनघट तक by parveen424
पनघट तक
सुन के कोई आहट दौड़ी चौखट तक मैं आ जाती दी होती आवाज तो शायद पनघट तक मैं आ जाती कोरा कागज़,कोरे दिल का कोई...
शायरी  by parveen424
शायरी
ना हारे हुए हम,ना सताए किसी से खुद को पानी समझ के मिल गए सभी से ना आया मुझको,किसी ने बचाने मुझे पत्थर समझ के...