शब्द का ही खेल है यह दुनिया,
शब्द का ही मेल है यह दुनिया|
वक़्त का ही शेर है यह मुखिया,
वक़्त की ही ढ़ेर है यह दुनिया |
शब्दों से ही सब अपना है,
शब्द जो मुख से मिठे निकले|
शब्दों से ही सब पराया है,
शब्द जो मुख से तिखे निकले|
वर्णों से बना शब्द,शब्दों से बना कथा,
हम तुम से बना समाज, समाज से बना भारत|
शब्द का ही खेल है यह दुनिया,शब्द का ही मेल है यह दुनिया|
शब्द ही साज है शब्द ही ताज है,
शब्द से अलंकार है,शब्द से रस है|शब्द ही गम का सार है, कि... जल ही खुशी का आधार
शब्द से उमंग है शब्द से तरंग है|
- Latest from 2018 collections
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✓|शब्द..... जो सोच से परे है|
PoetryTᕼOᑌGᕼT ᗩᕼᗩT KI ᒪᗩKIᖇ ᑎᗩᕼI.. ᗰᗩᑎ KI ᗩᗯᗩᒍ ᕼE...ᒍO ᕼᗩᖇ IᑎSᗩᑎ KO IᑎSᗩᑎIᗩT..KI ..ᗪISᗩ ᗪIKᕼᗩTI ᕼE..