कभी जुल्फों पर कसीदे पढ़ते हैं,
कभी चेहरे को तेरा नाम देते है,
आज चांद को देख महसूस हुआ कि
कुछ तो बात है तुझमें जरूर,
तेरे आने से प्रेमियों के जज़्बात बहकते हैं
आज चांद को देख महसूस हुआ कि
खुद तन्हा होकर भी तेरी तन्हाई पढ़ते है,
तूझसे सबसे ज्यादा मुहब्बत तो प्रेमी करते हैइसरार की बाते करते है, इंकार के किस्से सुनाते हैं,
जाने कितनी अधूरी कहानियों का तुझे गवाह बनाते हैं,
कुछ तो बात है तुझमें जरूर,
जो कभी इजहार, कभी इंतजार की गवाही रखते है,
आज चांद को देख महसूस हुआ कि
बेकरारियों में भी सिर्फ तुझे तकते है,
सब दिल की बाते प्रेमी बस तुझसे करते हैं,
तूझसे सबसे ज्यादा मुहब्बत तो प्रेमी करते हैबदलती है रात तो चांदनी साथ छोड़ जाती है,
इंतजार की इंतहा तो चकोरी के आखों में होती है,
जाने क्या बात है चांदनी की कशिश में,
वो चकोरी को कमली, चांदनी को महबूबा कहते है
तेरी चाहत ना भी हो पाई मुकम्मल
फिर भी खाते हैं तेरे इंतजार की कसमें,
तुझ पर ही मुहब्बत का ईमान रखते है
तूझसे सबसे ज्यादा मुहब्बत तो प्रेमी करते हैशायर नही मैं, ना ही कोई कवि हूं,
तुझमें मुझे बस एक रात दिखती है,
फिर भी कुछ बात तो है तुझमें, जो
तकती है तेरी राह बेकरारी से, तेरा इंतजार करती है,
हर सुहागन भी तुझमें ही वो ईमान रखती है
कितना अडिग होगा वो भरोसा की,
जीवनसाथी की जिंदगी को बस तुझसे ही साझा करती है।