##पंचमहाभूत

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{धूल+कण+नमी+वायु और प्रकाश =जीवन

(धूल-कण) अर्थात वह तत्व और कण जिससे

सृष्टि और संसार का निर्माण होता है। संसार में

पृथ्वी के समान ऐसी कई छोटे बड़ी सृष्टियां है

जिसकी गणना करना मानव बस के बाहर है।

ब्रह्मांड में उपलब्ध हर एक पिंड का एक अपना

स्वरूप व आकार है इन विभिन्न पिण्डों का एक

अपना बातावरण होता है और उस आवरण का

अपना एक खास महत्व होता है इसीलिए विभिन्न

पिंडों पर पिंडों के अनुकूल वातावरण के कारण

वहां के प्रजीवी व जीवन भी भिन्न भिन्न के पाए

जाते हैं ब्रह्मांड में उपलब्ध हर एक छोटे बड़े पिंडों

पर मानव जीवन को ढल पाना एक असंभव भड़ा

कार्य है संसार में एक मात्र पृथ्वी ही ऐसा पिंड है

जो मानव जीवन के लिए प्रचुर मात्रा में नमी वायु

और प्रकाश उपलब्ध है जिसके कारण यहां

जीवन पनप रहे हैं जिसे हम इंसानी वस्ती के नाम

से जानते हैं ब्रह्मांड में उपलब्ध हर एक पिंडो का

प्रामर्थ्य और सामर्थ्य शक्ति भिन्न भिन्न प्रकार का

है जिसके कारण विभिन्न विंडो पर पनपने वाले

विभिन्न प्रजातियों का आकार और संस्कार भी

विभिन्न प्रकार है ब्रह्माण्ड तथा पिंड के इर्द-गिर्द

निरंतर निषेध निष्क्रिय होता रहता है जिससे वहां

प्रेम मार्ग सिद्धांत आत्म दर्शन विश्व शांति की ओर जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें