कभी बिना संकोच बारिश मे भींगने या पानी के पोखर मे छप-छप करने का मन तो किया होगा।ये भींगना और कूदना वो आनंद और चंचलता देते है जो बच्चे से लेकर बुढे तक को रास आती है । आखिर यही तो है छोटी-छोटी चीज़ो का मह्त्व जो उम्र की सीमा तोड़कर सभी को एक रंग मे घोल देती है ।
इनसे मिलने वली खुशी को केवल महसूस की जा सकता है ।'छोटी-छोटी चीज़ो से मिलने वली खुशी'।
मुफ्त का धागा भी कइ महंगे कपड़ो से अच्छा लगता है , नाश्ते मे बनी हुई सादी पूरी-सब्जी होटल को टक्कर देती है ,परिवार के साथ शाम की चाय भी उत्सव लागती है और दूसरों की कृतज्ञता हमे हमारे सक्षम होने पर गर्व दिलाती है । ये कोई बड़ी बात नही लेकिन जिस प्रकार बूँद-बूँद से सागर भरता है उसी तरह छोटी-छोटी चीज़ो से मिलने वाली खुशियाँ जीवन भर देती है।ये यादों के सन्दूक भरकर बड़ी उपलब्धियों के रूप मे सामने आती है क्योंकि तभी हमे पता चलता है की ये छोटी चीज़े कितनी बड़ी और अमूल्य थी ।
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Dil Ki Baat
Non-FictionJust my daily thoughts penned down in the form of poems. These are the ones which I mostly get while watching news or daily routines . Language is Hindi One chapter contains one poem Will write more thoughts in future chapters ....