चाहत

9 2 0
                                    

तुम्हे चाहने के सिवा

तुम्हारे लिए कुछ और करने के

काबिल नहीं मैं

तुम्हे खुशियाँ देने को मेरी कोशिशें भर हैं

और हँसाने के लिए मेरी बातें


मेरे पास नहीं है

किसी घर की चाँबिया

जो तुम्हे सौंप दूँ

तुम्हे देने को महज दिल है मेरे

पास

फिर भी मैं चाहता हूँ कि

तुम्हे हमेशा मोहब्बत रहे

मुझसे

तुम्हारे काबिल नहीं हूँ मैं



लेकिन चाहता हूँ

तुम तुम्हारे काबिल होने का मौका दो मुझे

मेरे लिए मेरी उम्मीद

 मेरी मंजिल,

मेरा रास्ता हो


तुम जो कुछ भी मै हूँ, 

जो बनूंगा मैं सब तुमसे मुमकिन है

मैं तुम्हारी रचना हूँ प्रिये

मेरी ईश्वर हो तुम


- S.M. Mallhar

दूरीजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें