ठीक नहीं...

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ज़ख्म भी जार-जार ...कुछ ठीक नहीं
मेरी तबियत ,ये बुखार .......ठीक नहीं
प्यार-व्यार में मजाक तो ठीक है मगर,
मजाक-मजाक में प्यार .....ठीक नहीं
ये चार दिन का प्यार,, ......ठीक नहीं
किया भी नहीं इंतजार,,.....ठीक नहीं
मैं जैसा था ठीक था तुम्हारे बिना,
लगाके आदत, फरार,,,,.....ठीक नहीं
अब तो बंद करो मुझे लेकर झगड़ना
मोहतरमा, बरखुद्दार,,, ......ठीक नहीं

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