पड़ोसन पार्ट 5

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मेरा हुलिया देखने लायक था " शालू मेरे लिए  टिफिन लेकर आयी और सीधी किचन में चली किचन में चाय बनाते हुए मुझसे बात करने लगी ..मेरे मुँहसे सिर्फ हा.."जी ..ठीक है ..इसके अलावा कुछ निकल ही नही पाया पर ओ खुल के बात किये जा रहीं थीं मुझें बड़ा अजीब लगा एक पराये घर मे ऐसे खुल कर किसी बात की पर्वा न करते हुए कुछ देर रहना बहुत मुश्किल काम आसानी से कर रही शालू पे नाज आया वैसे तो ये सब कावेरी के कहने पर ही तो शालू घर मे आयी थी " और झिजक किस बात की अपना ही तो घर है शायद उसके मन यह सोच हो सकती हैं जैसे वैसे तौलिया निकलकर मैन कपड़े पहने शालू की नजर मेरे शरीर पर घूम चुकी थीं पैंट पहनते हुए मेरे ब्रिफ अंडरवियर से फुला हुआ औजार साफ नज़र आ रहा शालू ने देखा था पर मुझें इसबात का बिल्कुल भी अहसास नही होने दिया " अब तो कावेरी के आने तक मेरी पूरी जिम्मेदारी शालू ही सम्भले वाली थी नास्ता , चाय , टिफिन , रात का खान घर की सफाई मुझें अब किसी बात की कोई समस्या नही थी | हॉल में आकर हम दोनों ने चाय पी कुछ हालकि फुलकी बातें कर दफ्तर जाने के लिये निकल गया | ग्यालरी के ठीक सामने मेरी कार पार्किंग थीं जाकर पार्किंग से कार निकली ग्यालरी की और देखा तो शालू ग्यालरी में खड़ी मेरे जाने की राह देखती नज़र आयी जैसे मैं निकला तो स्माईल देकर मुझें बाय किया मुझें अच्छा भी लगा और अजीब भी लग रहा था भगवान न मांगते हुए बहोत कुछ दे दिया हो ..हंसते हुए भगवान शुक्रिया अदा करते अपने मंजिल की और निकल पड़ा |  रेडिओ ट्युन किया तो बेहतरी पेशकश शायद मेरे लिए थी ..
गुम हैं किसी के प्यार में दिल सुभह शाम " पर लिख नही पाऊ मैं उसका नाम " ...
आज का बड़ा हसीन और लाजबाब था शालू के हात का टिफिन खाकर मजा आ गया हॉटेल का खाना खाने से बच गया था | वैसें देखा जाये तो होतो मे कमाल का जादू था | कावेरी को फोन करके पूछा सब ठीक था पापा को दो तीन दिन हॉस्पिटल में रख सकते हैं उसके बाद घर जाने दिया जाएगा तो मुझें चार पांच दिन और ठहरना होगा वैसे शालू को बता दिया है मैंने मेरे आने तक सब सम्भाल लेगी ओ चलो ठीक हैं , फोन काट दिया आज दफ़्तर में कुछ ख़ास मुड़ नहीं लगा जल्दी घर निकल पड़ा .. कार पार्क की लिफ्ट से दरवाजे के पास पहुँचा दरवाजा खुला था मेज पर बैग ऱखकर वाश रुम की और गया तो मेरी आँखे फटी रह गयी शालू नहाने की तैयारी में अपने कपड़े उतार रहीं थीं " संगेमरमर बदन को देखते मेरे होश उड़ गए काफ़ी समय उसे देख रहा उसे पता ही नहीं था | कुछ देर बाद वहाँसे निकलकर हॉल आ गया शालू नहाकर तोलिया लागए सीधा हॉल की तरफ़ आ गयी उसने मुझें देखा तो शर्म के मारे पानी पानी हो गयी और बेडरूम की और चली गयी जल्द बाजी में कावेरी का नाइट सूट पहन कर बाहर आई हात में पानी का गिलास लेकर मुझें सॉरी कहा " अरे कोई बात नहीं होता हैं , मुड़कर किचन में चली गयी चाय बनाने घर में चारोंऔर नज़रे फेरी तो घर काफी साफ सुथरा दिख रहा था महेसुस ही नहीं हुआ के कावेरी घर पे नहीं हैं , अब कोई किसीसे बात नहीं कर रहा देख मैंने ही तरकीब खोज निकाली आज खाना बहोत स्वदिष्ट बना था बड़े दिनों बाद ऎसा स्वदिष्ट खाना नसीब हुआ आपके हातो में मानो जैसे जादू हो .." तारीफ़ सुनकर शालू थोड़ी खुल गईं छोड़िये इतना भी ठीक नही था आप तो मेरा दिल रखने के लिए बोल रहे हैं पता हैं , जी नहीं वाकई अच्छा था और घर भी आज काफी चमक रहा हैं " अच्छा जी ठीक हैं शुक्रिया " रात में क्या खाना हैं , सोच रहे है कि आपके हतोसे बनी मछली मिल जाये तो बहौत दिन हो गए मछली खाए .." ठीक है मछली बाएँगे वैसे भी इसके पापा की नाइट शिफ्ट है तो फिर साथ मे खाना खायेंगे मुझें भी कंम्पनी मिल जाएगी सही हैं " बात करते वक़्त मेरी नजरे शालू के शरीर में घूम रहीं शालू को भी इस बात का पता था शायद जिसतरह रात में क्या खाना हैं ? ये सवाल कुछ और बया करता नजर आया मुझें कुछ तो इशारा कर रहा था | बेडरूम में पड़े पड़े सोच रहा था कावेरी को फोन किया उसका हाल पूछने के बाद मार्केट मच्छी और विस्की की बोतल लेकर घर आया आज जो मैंने चहा था वहीं होगा मुझें पता था " शालू ने जान बूझकर कावेरी का नाईट सूट पहना था आज ओ मुझे उसके करीब लाना चाहती थी | 6 बजे उसका पति चला गया बच्चे दादी के पास छोड़ ओ घर आ गयी आते की किचन में देखा और बेडरूम कि और चली आयी विस्की ओर ग्लास देख हसकर चली गयी मैं तो घबरा गया अब ये कही कावेरी को फोन ना कर दे पर ऐसा कुछ नहीं हुआ मुझें थोड़ी राहत मिल गयी बाहर आकर उसे थोड़ी बाते की मुझें  मछली साफ करने के लिए कहा तुंरत मछली साफ करने लगा मछली से ज्यादा उसके बदन की खुशबू मुझें पागल कर रही थीं , दो पैग तो वैसे ही गो गए थे आज चाहे कुछ हो जाए सालू को प्रपोज करना ही है मन मे ठान लिया था किचन में ओ बार बार टच करने लगी मुझें अब खुद को रोख पाना मुष्किल हो रहा था " मछली साफ की और बेडरूम में चला आया फिर एक लार्ज पैग बनाकर एक झटके में खाली कर दिया मेरी बेताबियाँ हादसें गुजरने लगी क्या करे किचन की और देखा अब शालू की जगह कावेरी नजर आने लगी  उसकी और बढ़ता गया ..अचानक उसे अपने बाहोंमे भर लिया शालू थोड़ी कसमसाई थोड़ा विरोध किया पर उसमें कुछ खास बात नहीं थीं ." ओ कुछ कहने की कोशिश करने लगीं पर मैन होटोपर अपने ओठ रख दिए और स्मूच करने लगा शालू धीरे धीरे मदहोश होती चली गयी मुझें उसका अच्छा रिस्पांस मिलने लगा जैसे मानो भूखे शेरनी की तरह झपट पड़ी मुझपर उसे गोद मे उठाकर बेड के ऊपर लिटा दिया  दिल और दिमाग मे इस तरहा छा गयी स्मूच करते करते शालू को प्रपोज कर दिया " आय लव यू शालू ..." शालू भी खुश होकर किस्स करती रहीं ..एक एक करके कपड़े शरीर से अलग होते गए  कुछ देर बाद प्यार का तूफान थम गया शालू मुझसे लिपट कर बाहोंमे सोई थी जैसे उसकी बालो में हा त फेरा ओ जाग गयी दोनों ही एक दूसरे के आँखों मे आँखे नहीं मिला पाए पर जो कुछ हुआ था सब नैचरल था शालू की भी सहमति से था शालू से मैने माफी मांगी तो उसनें मेरा मुँह बंद कर दिया और बहो लिपट गयी .."

The end

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⏰ पिछला अद्यतन: Mar 25 ⏰

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