पड़ोसन पार्ट 2

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आज वैसे ही दफ़्तर छूटी लिए थे घर में कल फॅमिली गेट टू गेदर था | रात काफी हो चूंकि थीं पर कल के फंक्शन की तैयारी में आज का पूरा समय बीत गया बदन जैसे टूटे जा रहा हो लगभग बारा सव्वा बारा बज गए बच्चे कब के थककर सो गए मेरा और कावेरी का खाना अभी बाकी था | कावेरी अभी भी कुछ काम मे उलझी हुई थीं ' उठकर किचन की और गया तो कावेरी दिखाई नही दी फ्रिज से सोडा ,और  पानी की  ठंडी बोतल लेकर मैं बेडरूम में चला आया अलमारी में व्हिस्की रखी थी निकालकर एक लार्ज पैक बनाया और धीरे धीरे शालू को याद करके सीप लेता रहा |  लगभग दो पैक हो चुके थे कावेरी कहीं दिखाई नहीं पड़ी सोचा आवाज दु  पर बच्चे सो रहे थें तो आवाज देना ठीक नहीं समाजा भूक भी तेज होती जा रहीं थीं तीसरा पैक बनाया  एक सीप मारकर हॉल की और निकल पड़ा हॉल तो खाली था " कावेरी इस वक़्त कहाँ गयीं होंगी "
कावेरी .." कावेरी ...." कोई जबाब नहीं मिला शायद शालू के घर गयीं हो " पर मैं तो जा नहीं सकता मैंने  शॉर्ट ओर टी शर्ट पहना हुआ हैं | कोई बात नहीं पर उसनें मुझें घर बुलाया भी तो नहीं इतनी रात में कैसे जाए सोंचकर टाल दिया पैक अभी खतम करना बाकी हैं | चलो पहले पैक ख़तम करते हैं "  ग्लास उठाकर मुँह को लगाया एक सीप मारकर  फिर

ग्लास मेज़ पर रखते हुए बाहर की और चला गया | बाल्कनी में दोनों गपशप कर रहीं थीं | शालू को देखकर बदन में ऊर्जा महसूस हुई अच्छा लगा चलो ठीक हैं |  शालू आज गज़ब ढा रहीं थीं "  ऑरेंज कलर कि जलिवाली नाइटी खुले छोड़े हुए काले घने बाल उसके पिछवाड़े पर झुलरहे कमर तो कहिसे दिखाई नहीं पड़ा पर छाती के उभार स्पस्ट रूपसे नज़र पड़ रहे उभार देखकर अंदाजा लग रहा था कि साइज़ में चालीस या बयालीस की ब्रा बैठती होंगी उसे आम काफी बड़े होने के कारण नाइटी उसका वजन सम्भल नहीं पा रहीं थी | इसकी वज़ह से कुछ ज्यादा ही लटके हुए थे | दोनों की बाते सुनकर तो ऐसा लगा शालू खुले खयालात की है एक मोर्डन गृहिणी हैं | खुले विचार होने की वजहसे हमारी दोस्ती जल्द ही हो सकती हैं " इसका अंदाजा आने में देर नहीं लगी | शरीर का पिछला हिस्सा भी तनकर बाहर आया हुआ उसकी सुंदरता और कामुकता दोनों ही बरकार ऱखने में मददगार था | शालू को ऐसी हालत में देखकर व्हिस्की का नशा देखते ही देखते उत्तर गया |  अब शालू की और मेरा लगाव बढ़ने लगा था | उसे देखें बिना दिन ना तो रात अच्छी लगती थीं | कावेरी अब कभीभी रूम आने की संभावना थीं वहाँ से निकलना हि सही समजा व्हिस्की की बोतल में अभी तीन पैक बाकी थे ' मेज पर रखी ग्लास में और एक लार्ज पैक बनाया  सीप मारते हूए आज की शाम शालू के नाम कर दी अब हलका हलका सा नशा फिरसे चढ़ने लगा ए सब शालू के सगमरेवर बदन की कमाल थी " धीरे धीरे मेरे अंदर रोमांस बढ़ने लगा साथ ही नीचे के हिस्से में भी तनाव महसूस हो रहा था | बहार ठंड का बढ़ना मोहबत का सिलसिला शुरू होना ये एक नैचरल इफेक्ट था "  "आके तेरी बाहोंमे हर शाम लगें सिंदूरी ' गाना गुनगुनाते हुए सीप मारता रहा " चलो टेपरिकार्डर ऑन करकर गाने चलाये जाए . रफ़ि साहब, किशोर दा, मुकेश का मैं बहुत बड़ा फैन हु तो अक्सर तन्हाई में पुराने गाने सुनना मुझें पसंद हैं " टेपरिकार्डर चला के वहीं गाना ट्यून किया आज लगातार पैक का दौर चलता रहा | कुछ देर बाद कावेरी बेडरूम में दाख़िल हुईं घुस्सा करते हुए शराब पीने की इजाजत कावेरी ने दी तो रखी थीं ' एक या दो पैक उससे ज़्यादा नहीं इसलियें घुस्सा करना जायज था | मेज पर रखी व्हिस्की की बोतल देखकर उसे इस बात का अनुमान हो गया के आज मैंने कुछ ज्यादा पी रखी हैं " अब उसे समझना मुझें भारी पड़ने वाला था ' कुछ सोंचकर कावेरी को बाहोंमे जखड़ लिया डांस करते हुए दोनोंही झूमने लगें शुरू में कावेरी ना ..ना कहने लगीं पर उसकी मैने एक न सुनी रोमान्स का ये सिलसिला यूँही चलता रहा मेरे बाहोंमे बाहे ड़ालकर कावेरी झूम रहीं थीं फिरभी मैं कावेरी को नहीं देख पाया व्हिस्की का नशा दुबना हो रहा था " मेरे बाहोंमे जैसे शालू ही हो शालू में इसतरह उल्लज़हता रहा ..."
शालू की बाहों में बाहों में बाहे ड़ालकर ..तू ..तू ..हैं जहाँ दिल ने जिसे अपना कहाँ , एक तू और एक मैं दोनों मिले इसतरहा , हम बने तुम बने एक दूजै के लिए .." उसको कसम लगें ..'उसको कसम लगे जो बिछड़कर एक पल भी जिए " अब तो शालू भी मेरे साथ गाने लगी ये जीवनका रोमांचकारी अनुभव था जो इससे पहले क़भी महसूस नहीं हुआ | 

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