Someone is suspicious

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अगले दिन सुबह रुद्र उठने के बाद तैयार होने लगता है। आज उसे अद्वैत और काशवी के साथ सोनहुल पहाड़ी के पास अभ्यतप कबीला जाना था। काशवी ने रुद्र और अद्वैत को सुबह 9:30 बजे बुलाया था कॉलेज के पास, लेकिन अभी 9:20 हो चुके थे और रुद्र अभी घर से निकला भी नही था। रुद्र ने घर पर रात को ही बता दिया था की आज वो कॉलेज के दोस्तों के साथ ट्रिप पर जाने वाला है।

रुद्र जल्दी जल्दी तैयार होकर और नाश्ता करके कैब में बैठ कर निकल जाता है, क्योंकि काशवी से उसे अपनी बाइक लाने से मना किया था क्योंकि वो तीनो साथ में एक गाड़ी से जाएंगे।

" यार ये तो बिल्कुल फिल्मो जैसा होगया। कॉलेज के दोस्त जैसे किसी एडवेंचर पर जा रहे हो। हालांकि ये थोड़ा जोख़िम भरा भी है, क्युकी इन सब के चक्कर में हमारा सामना उस काली हुडी वाले आदमी से हुआ तो हम सब उसका मुकाबला कैसे करेंगे। खैर अब जब फैसला कर ही लिया है तो पीछे नही हट सकते। " रुद्र ने अपने मन में कहा।

बताई हुई जगह पर रुद्र पहुंच कर देखता है कि वहाँ काशवी और अद्वैत पहले से आ चुके है और वह एक सफेद रंग की कार भी पार्क है। रुद्र समझ गया था कि वो सचमें बहुत लेट होगया है।

काशवी (गुस्से में) :- रुद्र तुम्हे पता भी है तुम कितने लेट हो, मैं और अद्वैत कितनी देर से तुम्हारा इंतेज़ार कर रहे।

रुद्र :- सॉरी यार, पता नही कैसे इतना लेट होगया।

काशवी :- छोरो इस बात को अब। जल्दी चलो वरना हम आज वापस लौट नही पाएंगे , क्योंकि बहुत दूर जाना है।

अद्वैत :- तुमलोगो ने सच में ठान लिया है कि जाना ही है। सोच लो , बहुत जोखिम है इसमें। मुझे तो अभी भी डर लग रहा है।

रुद्र :- अद्वैत अगर तुम नही आना चाहते हो तो मत आओ मैं तुम्हे फ़ोर्स नही करूँगा। ये मेरी बात है और मैं इस बात के तह तक जाना चाहता हूँ।

अद्वैत (हिचकिचाते हुए) :- नहीं मैं भी आऊंगा....

काशवी (कार का दरवाजा खोलते हुए) :- अब क्या हम चल सकते है प्लीज!

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