Dhruv Jurel
"तेरी ज़ुल्फ़ जब भी बिखर जाती है
ए हसीं तू हसीं और हो जाती है
जो किताबों में पढ़ते रहे आज तक
वो परी हमको तुझमे नज़र आती है"Ishita Shah
"आँखें तेरी, कितनी हसीं
के इनका आशिक़, मैं बन गया हूँ
मुझको बसा ले, इनमें तू"Them
"ओ, तन में सूइयाँ-सूइयाँ सी
सूइयाँ-सूइयाँ सी अब तो लगी चुभने
ओ, तन में सूइयाँ-सूइयाँ सी
सूइयाँ-सूइयाँ सी लगी-लगी चुभने"
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Rainbows And Sunsets ~ A Dhruv Jurel Fanfiction
Fanfiction"You hate the rain? How can anybody hate the rain." Dhruv Jurel ~ Cricketer "He was like a storm in the cricket field-intense and unpredictable. But in the calm after the game, he was my quiet refuge, a promise of a love that felt like home." Ish...