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ये बातें जिन पर तुम हंसते हो, ज़रा मुझे भी बताओ,
दोनों साथ में हंस लेते हैं,
ये बातें जिन पर तुम रोते हो, ज़रा मुझे भी बताओ,
दोनों साथ में रो लेते हैं।
साथ में चलने के वादे तो तुमने किए,
पर मेरा हाथ थामते-थामते छोड़ दिया।
मेरे पास हो, पर कई मील दूर,
ये मेरी अनकही, जिन्हें तुम कभी कोहिनूर कहते,
अब इनसे इतनी नफरत है कि इन्हें बिना आंसुओं के देख ही नहीं सकते।
छोड़ दो मुझे, क्योंकि मैं नहीं छोड़ पा रही,
और मुझे है पता कि मेरे लिए यही सही।
थोड़ा सा भी अगर इश्क हो मेरे लिए,
तो बोल दो, कि तुम्हें झूठे वादे किए।
मेरे लिए सबसे अच्छा तुम यही कर दो,
कि मुझे सच में छोड़ दो।
मुझे तो फूल पसंद थे,
पर तुम सिर्फ कांटे ही लेकर आए।
उन कांटों को भी मैंने संभाल के रखे थे,
अब वो कांटे नहीं संभाल पा रही।
इसलिए, ये बातें जिन पर तुम हंसते हो,
खुद हंस लो,
ये बातें जिन पर तुम रोते हो,
खुद रो लो...
और मुझे बस छोड़ दो।---
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Poems for lovers
ПоэзияFor all types of lovers . you are straight, [ got you ] you are not straight [ got you ] hindi lover [ got you ]