गर्मी की वजह से उसने कुछ भी औढ़ा नहीं था.
मैंने उसके गाल पर किस किया और मेरी हवस एकदम से कई गुना बढ़ गई.
अब तक सलोनी सो चुकी थी, वो कोई हरकत नहीं कर रही थी.
उसको देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि वो एकदम बेसुध सो रही है.
मैं उसके निचले होंठ को चूसने लगा. मन कर रहा था कि इसका सारा रस पी जाऊं.
फिर मैंने नीचे आते हुए उसकी गर्दन पर एक किस कर दिया.
उसकी चूचियां समीज को फाड़कर बाहर आने के लिए बेताब हो रही थीं.
मैंने उसकी समीज को ऊपर सरका दिया और उन्नत उभारों को कैद से आजाद कर दिया.
वाकई में धड़कन को रोक देने वाला नजारा था वो!
मैंने दोनों हाथों से उसके कबूतरों को छुआ और उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगा.
मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था और साथ ही मेरा लन्ड सलामी दे रहा था.
कुछ देर उसकी चूची पीने का मजा लेकर मैंने उसकी लेगिंग्स को नीचे खींचना शुरू कर दिया.
उसने नीचे पैंटी पहनी हुई थी.
पैंटी को भी मैंने लेग्गिंस के साथ खींचना शुरू कर दिया.
मैंने उसकी लैगी को उतारकर एक तरफ़ रख दिया.
अब वह पूरी नंगी थी.
उसके नंगे बदन को देखकर मैं अब किसी हाल में नहीं रुक सकता था.
अब मैं देरी ना करते हुए उसके पैरों के बीच में आ गया.
एकदम चिकनी, उठी हुई और पावरोटी की तरफ फूली बुर को देखकर मेरा लन्ड सलामी देने लगा.
मैंने उसके पैरों को मोड़कर अपने मुंह को उसकी बुर पर लगा दिया और उसकी बुर को चाटने लगा.
मुझे स्वर्ग सा आनंद आ रहा था.
अब सब कुछ मेरे बर्दाश्त से बाहर था. अब मैंने अपने लंड को उसकी बुर के ऊपर रखकर दवाब बनाया तो कोरी और टाइट बुर होने के कारण मेरा लन्ड फिसल गया.
मैंने दोबारा से ट्राई किया लेकिन कई बार ऐसा ही हुआ. तब मैं रसोई में से सरसों का तेल लाया और उसमें से थोड़ा सा उसकी बुर पर लगा दिया और अपने लंड पर लगा लिया.
फिर से मैंने लंड को उसकी बुर पर सटाया.
काफी प्रयास के बाद मेरे लंड का सुपारा उसकी बुर में घुसा.
उसकी बुर गर्म भट्टी की तरह तप रही थी.
मैंने थोड़ा और जोर लगाया और मेरा लंड 2 इंच तक उसकी बुर में घुस गया.
तभी सलोनी ने चीख कर आँखें खोल दी- आह मर गयी … मामा … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं एकदम से घबरा गया … ये तो जाग गयी.
मैंने डर कर सलोनी के नंगे बदन से उठना चाहा.
पर उसने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया, उठने नहीं दिया.