आरज़ू

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जब लब खामोश हो
और आँखे बोलती हो
राज सारे आरज़ुए दिल
के खोलती हो ...........!!

की हौले से तुम मेरी पलकों में आना
मेरी हर तमन्ना और आरजुओं को
महसूस कर पाना .....................!!

जो देखो तुम उनमें गहरा समुन्द्र
तो एक बार उसमें तुम डूब जाना
तुम्हे उसकी गहराई का अंदाज़ होगा
मेरा हर राज उस दिन तेरे पास होगा !!

की ग़म के अँधेरों में खो जाओ जिस दिन
मेरी आँखों को तुम याद करना ............
की एक बार फिर उनकी गहराई में उतरना
अपने गम को भूल जाओगे तुम की बिन
कुछ कहे आँखों से निकल जाओगे तुम !!

मनीषा

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