chapter-2

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          पिछले पार्ट में आपने पढ़ा , कि किस तरह से शर्मा जी - "अपने अनोखे टैलेंट का प्रदर्शन कर हमारे घर के माहौल को गर्म करने की भरपूर कोशिश की", पर पापा के सकारात्मक रवैए की वजह से उन्हें मुँह की खानी पड़ी।

            और अब आगे............

"शर्मा जी के बाहर जाते ही मेरी माँ ड्राइंग रूम में आती हैं।"

माँ:- तुर्वी .... विनय आर्मी हो गया है, और ....
       तूने कोई फॉर्म नही अप्लाई किया इस साल , क्यों.......??

        (मैं शांत थी मेरे पास उन्हें बताने का कोई उत्तर नही था तभी पापा बोले......)

पापा:- क्या यार....!! अब तू भी शुरू हो गयी,
       अभी शर्मा जी क्या कम डिस्कस कर के गये हैं , जो तू मेरी प्यारी सी बच्ची को परेशान करने आ गयी।.........

             (इससे पहले , कि पापा अपनी बातें पूरी करते बीच में ही थोड़ा गुस्सा , थोड़ा प्यार के साथ चेहरे पर हल्क़ी सी मुस्कान लिए मम्मी बोली ......)

मॉम:- देखो जी, आपके इसी लाड-प्यार ने तो इसे बिगाड़ कर रखा है।
आपने इसे सिर पर बिठा के रखा है।
और....हाँ .....जरा पूछिये ...!अपने लाडली बेटी से,.... कि
         "ये जो फॉर्म के पैसे लिये थे, उसका क्या हुआ, कोई हिसाब है उन रुपयों का इसके पास ??"

           (तभी पापा मेरे मुरझाये चहरे को देख हँसते हुए बोले.....)

पापा:-     अरे भागवान,...!! तुम भूल गयी क्या..?
उनदिनों बिजली का बिल भरना था, तो जब तुर्वी ने बताया - "मैं फॉर्म नही भर सकती" फिर मैं इसे कुछ एक्स्ट्रा रुपये देकर बिल का पेमेंट करवा दिया था।

अरे यह तुम्हारी ही बेटी है, दुशमन नही!! इसपर इतना शक करना ठीक नही है यार.....!!

        (एक बार फिर से पापा मुझे बचाते ही जा रहे थे , मै बहुत ही ज्यादा खुश थी ,.........पापा का इस तरह से सपोर्ट और अपने प्रति उनके प्यार को देख के.........)

       (तभी .......पापा की बाते सुनकर, मॉम नाक सिकोड़ किचेन की ओर जाते हुए बोली ....)

मॉम:- मैं डाइनिंग टेबल सजाती हूँ , और आप बाप -बेटी आ के नास्ता कर लो ।
और हाँ......आज सुबह ही, आपके कैंप से फ़ोन आया था , 8 बजे तक बुलाया गया था आपको ।
Sorry........!! मैं आपको बताना भूल गयी थी।

पापा:- तुर्वी...... देख बेटा,!
"शर्मा जी और तेरे मॉम" के सामने, तो मै बोल दिया, कि तेरी उम्र फॉर्म अप्लाई करने की नही थी, पर
"तू मुझे बता कि तूने फॉर्म को क्यों नही भरा??"

(मै परेशान सी अपने ही घर में किसी पराये जैसा महशूस कर रही थी इससे पहले कि मैं कुछ बोलती पापा जी फिर से मेरे सामने वही प्रश्न दुहराये पर इसबार थोड़ा तेज आवाज में...!!)

पापा:- तुमने फॉर्म क्यों नही भरा...??

(मै पूरी तरह से डर गयी , और डरते हुए लड़खड़ाते शब्दो में बोली।)

मै:- पा....पा.....पापा
मुझे पता है कि आपको मेरी बातें अच्छी नही लगेगी। पर .....पापा ,
मैने आर्मी नही बनना,
मुझे आर्मी नही ज्वाइन करना,
मेरा इसमें कोई इंटरेस्ट नही है,
तो मैं फॉर्म नही भरी...!!

(मेरी ये बातें पापा सुने ही थे , कि उनके चेहरे की सारी रंगत ही मिट हो गयी, वह परेशान से हो गए और धीमे मर्मराते शब्दो में बोले.....)

पापा:- बेटा हमारे खानदान में सभी रैशलर्स ही रहे हैं,
पूरे तहसील की हर साल अपने ही घर दंगल की सारे मैडल आये हैं ।
और जब बड़े हुए तो सभी आर्मी ज्वाइन कर देश की सेवा करने का सुख भी भोगे हैं।
कई शहीद भी हुए, फिर भी बच्चो में बस एक ही ललक एक ही भावना , कि ........

आर्मी में जाना है,.......बस !
आर्मी अफसर बन, देश की सेवा करनी है।
पर तू क्यों अलग है सबसे....!!

       इससे पहले कि मैं कुछ बोलती लैंडलाइन की तेज आवाज पूरे कमरे में गूँजने लगी।

ट्रिन ट्रिन.....

           पापा फ़ोन रेसिव कर बात करने लगे। शायद फ़ोन आर्मी कैंप से आया था ,और वह तुरंत ही बाइक निकाल कैंप चले गए।

        मै अब रिलैक्स्ड फीलकर रही थी। तो टीबी चला सॉंग सुनने लगी ।

Kya hota hai aage turvi k sath??
kya wah ab free hai ??
Kya ab use koi problem ka samana nhi karna padega ??

Janane k liye kijiye thoda sa aur injaar agle part ka......!!

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