शायरी 7

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  • इन्हें समर्पित: neerunni
                                    

तड़पते-तड़पते दिल की आह बंद हो गई ।

चलते-चलते इश्क की तमन्नायें कहीं खो गई ।

जिस मोड़ पर वो हमें मिले थे,

दिल की धडकनें वहीँ रुक गई ।

राहों को तकते-तकते ,

मिलने की आस कहीं खो गई ।

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तन्हा-तन्हा हम जिएं ,

खुदा करे ऐसी नौबत ना आए ।

दूर होकर भी आपसे,

दूर ना रह पाएं ।

आकर यादों में ,

आप हमें हँसाएँ ।

पलछिन (शायरी/ कविता)(Wattys2014)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें