एक लड़का था दीवाना से
जो बचपन मे साथ खेला करता था
वह मुस्कुराता सुंदर चेहरा
हमेशा नज़रो के सामने घूमा करता था।हंसते -खेलते उछलते -कूदते
जाते हैम स्कूल साथ साथ
दिन ढल जाता शाम हो जाती
बस उसकी बांहो में डाले हाथ।गायब हो गया वो मुस्कराता चेहरा
रह गयी बस यादें
जाने किस शहर में होगा वो
बस यही सोचते निकलती रातें।बीता वक़्त बहुत जल्द
बीत गए कई साल
और वह नादान यारी दोस्त की
करती रह गयी इंतेज़ार।एक दिन हुआ कुछ ऐसा की
आ गए दोनो सामने
पर यह जवानी थी साहब
यहां नादानी की जगह कहाँ थी?दोस्तो की यारी प्रेम में बदली
हुई मोहोब्बत आबाद
कौन कहता है मोहोब्बत
यारों में नही होती जनाब?**************
I wish it was true 😘😘😘
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Puisi#42 in poetry on 11th April 2018 Hey Guys!! I am really new in this stream and I am not as experienced as you all but I do have this crazy hobby of writing stories and ,hence, the poems may not be so good. But I really want you guys to give it a try...