वाह रे ज़िन्दगी!!!

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कहते है प्यार, दोस्ती, रिश्ते-नाते इस ज़िन्दगी की जान है

पर आज पता चला कि ये तो सिर्फ किताबी ज्ञान है

मतलब की इस दुनिया में आज पैसा ही भगवान है

अपनों के लिए जीके आजकल लोग करते एहसान है

भूल गए खुदको ज़िन्दगी की भाग-दौड़ में

पर गम नहीं उनको क्योंकि कहाँ उन्हें इस बात का एहसास है

जीते है दुनिया की चका-चौंध में शान से

पर अपनी दिल की आवाज़ से ही अनजान है

मंदिर में करते लाखों रुपए का दान है

पर सुकून से दुआ करने में क्यों नहीं उनकी हाँ है

मांगते रब से सफलता की हजारो मन्नत है

पर नहीं जानते कि अपनों की मुस्कराहट में छुपी असली जन्नत है

रिश्तों को पीछे छोडके फिर ढुढते है ख़ुशी कहाँ है

अरे माँ की गोद में सर रखके सो, सारे जहां का सुख वहाँ है

फूलों की महक, चाँदनी की चमक, सूरज की रोशनी को महसूस कर

क्यों अपनी बनायी हुई दूरियों से खुदा से मायूस है

अपनों का साथ, दोस्तों की डांट, प्यार के दम पे जगा दिल में चाह

फिर दिल में कैद तेरे सपनो को भी मिल जाएगी उड़ने की राह

शहर की भीड़ और शोर बना देती है बहरा

पर प्यार की ख़ामोशी बना देती है दिल को गहरा

बीता देते है ज़िन्दगी बस यूँही सब लोग जैसे एक सजा

क्यों नहीं समझ पाते कि खुलके जीने में ही है असली मज़ा।

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⏰ पिछला अद्यतन: Sep 01, 2014 ⏰

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