एक ऐसा संसार
चल मिल कर बसायें
एक ऐसा संसार
जहाँ ख्वाबों सी हो हर बात
ना हिन्दु रहे ना मुस्लमान
सिर्फ मानवता का हो उधर वाश
जहाँ अमीरी-गरीबी के बीच
ना हो कोई रेखा
हाथ मदद करने को
आगे बढ़े हमेशा
जहाँ हर इमारत बने
खुशियों के ईट से
और दया उदारता
बरसे आसमाँ से
जहाँ दूकानो पे बिकती नही हो शिक्षा
एवं विकास हो
समान सबका
जहाँ थोड़े से लाभ के लिये
बेहक ना जाए ईमान
विघनो से डर कर जिधर
संघर्ष करना भूल ना जाए इंसान
जहाँ अन्याय-क्रूरता का
ना हो राज
अतः हो शांति का
हर दिशा मे निवास
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