नन्ही सी थी तू
हो गयी आज इतनी बड़ी ,
चलती थी पहले गिर गिरकार
आज हुई है अपने पैरों पर खड़ी ।
धीरे धीरे देखते देखते
लम्हे बीते समय बीता ,
तूफान आये कठिनाई आयी
आखिर में तेरा सच ही जीता ।
अभी तो सफर शुरू हुआ है
रास्तों में फूल के साथ काटें भी होंगे ,
संभलकर समझकर आगे बढ़ते रहना
क्योंकि जिंदगी में रुलाने वाले बहुत मिलेंगे ।
लोगों का साथ छूटेगा हाथ छूटेगा
मुश्किलों का पहाड़ बड़ा होगा ,
होगी अगर तुझे सहारे की ज़रूरत
आवाज़ लगाना ये बंदा तेरे साथ खड़ा होगा ।
जिंदगी की ट्रेन को बहुत सफर करना है
मंजिलों की है बहुत दूरियाँ ,
ईश्वर से तेरे सफल जीवन की कामना करने के साथ
जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयां ।================================
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From Pen To Paper
PoetryFeeling : a word with tons of emotion... Just poured those feelings from heart to paper through ink of pen.... In this you will find all types of poems and I hope you will enjoy it.... So what are you waiting for... Just have a bucket of popcorn and...