प्यारी दोस्त,
दोस्त कहूँ या बहन क्योकि तू मेरी दोस्त भी है और उससे भी ज्यादा एक बहन।
हैप्पी फ्रेंडशिप डे...हर बार तू सबसे पहले मुझे बोलती थी पर देख न इस बार मैंने बोला...
वैसे तो इस फ़्रेण्डशिप डे का कोई ज्यादा मतलब नही है अपने लिए क्योंकि हमने जितने भी दिन साथ बिताए हमारे लिए तो हर वो दिन फ़्रेण्डशिप डे था।
दोस्त सिर्फ नाम के लिए ही नही होते असल मे दोस्त क्या होते है, दोस्ती क्या होती है, ये तूने मुझे बताया और साबित भी किया।
हमारे लिए हमारी दोस्ती सबसे ऊपर थी, हां मैंने कभी दिखाया नही वो बात अलग है, क्या करूँ तू जानती है ना मुझे ऐसी ही हु मैं।तू मेरे लिए क्या है ये मैं बयां नही कर सकती।मैं जानती हूं अगर मैं तुझसे ये सब कहती तो तू इतनी खुश होती कि मुझे पागल कर देती।
हमारे बीच गलतफहमियां भी आई जिसमे मेरा तुझ पर से भरोसा डगमगाया पर तू...तूने मुझ पर हमेसा भरोषा किया कभी उस विश्वास को टूटने नही दिया।
जब भी किसी मुसीबत में फसी मैं ,तू चट्टान बनकर हमेशा मेरे सामने थी। कभी मुझे अकेला नही छोड़ा। तो फिर अब क्यो छोड़ गई अकेला....हमेशा के लिए। क्या मैं इस लायक नही थी कि तेरी प्रॉब्लम में तेरा साथ दे सकूँ?
हमने वादा किया था न एक दूसरे से की अब कोई भी मुसीबत होगी हम साथ मिलकर सामना करेंगे.... क्यों भूल गई तू ये वादा?.....
तुझे याद है जब मैंने व्हाट्सएप पर एक स्टेटस लगाया था " Dear best friend, when i m dieing, dont come to see me bcoz i m not able to wipe your tears" कितना गुस्सा किया था तूने....
पर बहन तूने क्या किया तूने तो बिल्कुल यही किया आखिरी समय मुझे खुद से दूर कर दिया और खुद भी इतनी दूर चली गई कि....मैं देख भी नही पाई और न ही अब कभी देख पाऊँगी।और इस बात के लिए मैं तुझसे नाराज हूँ और रहूगी भी....तूने एक बार भी नही सोचा कि तेरे अलावा कोई दोस्त नही है कैसे रहूँगी मैं?...
हो सके तो लौट आ...
तुझे पता है अब मैं भी चाय थोड़ी ठंडी होने पर पीती हूँ, पता ही नही चला कबसे...
अब ज्यादा किसी से बात करने का मन नही करता। सोचना पड़ता है क्या बात करूं....और बात करूं ही क्यो जब असल मे किसी को फर्क ही नही पड़ता।
तेरे जाने से न लाइफ थोड़ी बदल सी गई है ऐसा मुझे लगता है.....
अब मौसम अच्छा होने पर कोई ये नही कहता "ओये चल न घूम के आते है।"
अब चांदनी रात में कोई ये नही कहता "कहाँ है तू,जल्दी छत पर आ देख चाँद कितना मस्त है।"
अब सलवार कमीज पहनने पर कोई ये नही कहता "हाय, मेरी पटाखा..."
अब कोचिंग के लिए देर होने पर कोई ये नही कहता "कमीनी हाथ पैर थोड़ा जल्दी चलाया कर, रोज देर करती है"
अब व्हाट्सएप पर स्टेटस नही लगाती, क्योंकि अब कोई नही पूछता "क्या हुआ बेबी, मूड ऑफ है..कोई बात नही मैं किसलिए हूँ"
अब बिना वजह खिलखिलाने पर कोई ये नही कहता "बस कर अब और बता क्या प्रॉब्लम है"
अब खामोश रहने पर कोई ये नही कहता "क्या हुआ बे, बत्ती क्यो बुझी हुई है?"
अब इस हँसी के पीछे छुपी उदासी को कोई नही पहचान पाता...
अब इतने प्यार से गालियां कोई नही देता....
अब रोते हुए कोई ये नही कहता " साली तू न होती तो मेरा क्या होता, थैंक्स कमीनी"
बहुत कुछ बदल सा गया है सिर्फ एक तेरे चले जाने से।इसलिए अब....
मौसम अच्छा होने पर भी कही घूमने नही जाती,
चांदनी रात में चांद देखना नही भूलती,
सलवार कमीज पहनकर खुद पर ध्यान नही देती,
कोचिंग के लिए देर न होने की पूरी कोशिश करती हूं,पर फिर भी हार जाती हूं,
सबके सामने खुश रहती हूँ, बिना वजह बकबक करती हूँ,
पर आखिर मे तू ही याद आती है,
तेरा वो " ओये कमीनी सुन न" कहना बहोत याद आता है।
पर अब मैं जानती हूं कि तू कभी नही आएगी अब,
इसलिए अब कहूँगी भी नही.....ये भी नही कहूंगी कि Rest In Peace, क्योंकि जानती हूं तू अब जहाँ है सुकून में है...
आखिरकार पिछले दो सालों से तू यही तो मांगती आयी है अपने भगवान से।
पर बहोत याद आती है तू, और एक बात जो कभी नही कही " I Love You yarr... you are the best"...............
I'll try not to cry, but i can't promise.....तेरी 'कमीनी'
(ATTITUDE का BUM यही कहती थी न तू)