दुनिया का अपना अलग फ़साना है,
दोस्त क्या है, ये मैंने तुझसे जाना है,हर नजर में, हमारा रिश्ता महज एक किस्सा है,
हकीकत में, हम एक दूसरे का ही तो हिस्सा हैं,रिश्ते को निभाना मैंने तुझसे सीखा है,
तेरे बिन, जिंदगी का मजा बिल्कुल फीका है,बेबाकी से जीना, मैंने तुझसे जाना है,
एक तू ही तो है, जिसने हर हाल में मुझे माना है,ये रिश्ता महज एक दोस्ती नही, बल्कि एक साज है,
इस रिश्ते, इस दोस्ती पर हमें नाज है,