चाहे लाद ले कितनी भी
तन पर रेशमी दूशाले,
पर कहीं मिलती नहीं माँ
तेरे गोद की गर्माहट।भरे से घर में
तेरी चूड़ियों की खनखनाहट,
याद है आज भी
बाबा की डाँट और
माँ तेरी बाहों की नरमाहट।
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MERAKI
Poetryमेरे द्वारा रचित हिंदी कविताओं और उद्धरणों का संग्रह। मुझे आशा है आप इन्हें पढ़ने का आनंद लेंगे। A collection of my self-written Hindi poems and quotes. I hope you enjoy reading them.
माँ
चाहे लाद ले कितनी भी
तन पर रेशमी दूशाले,
पर कहीं मिलती नहीं माँ
तेरे गोद की गर्माहट।भरे से घर में
तेरी चूड़ियों की खनखनाहट,
याद है आज भी
बाबा की डाँट और
माँ तेरी बाहों की नरमाहट।