अगर आज कोई जल्दी मर जाता है या फिर कोई गरीबी में जन्म लेता है या किसी के साथ कोई भी दुखद घटना घटती है तो आस पास के बड़े बूढ़े लोग कहते हैं "अरे भैया होनी को कोन टाल सकता है " इसकी कीमत में यही होनी लिखी थी "आपने कभी सोचा है की आखिर क्यो बड़े बूढ़े लोग ये बात कहते है मे जानता हूं बोहोत ही काम लोग होंगे जो ये जानते होंगे। तो चलिए आज मे आपको होनी की कहानी सुनाता हूं।
आज से लगभग आठ हजार साल पहले एक बड़े बलशाली राजा सुखदेव का राज हुआ करता था उनके राज्य के सभी लोग उन से बोहोत खुश थे।
राजा ने अपने पुरे राज्य मे कुछ सैनिक ये देखने के लिए छोड़ रखे थे की मेरे राज्य में कोई भी व्यक्ति दुखी नहीं होना चाहिए और अगर ऐसा हुआ ओर इस बारे में राजा को किसी सैनिक ने नहीं बताया तो वो उस सैनिक को जिंदा दीवाल में चुनवा देंगे इशलिए सभी सैनिक हर समय ये देखने में लगे रहते थे की राज्य में कोई भी दुखी ना हो।
एक बार की बात है राजा की पत्नी लीलावती के पेट में अचानक से दर्द उठने लगता है रात काफ़ी हो चुकी थी आसमान मे बादल छाए हुए थे हवाएं चलने लगी थी उसकी चिल्लाने की आवाज़ सुनकर राजा जल्दी से राज्य की दाइमा को बुलाने के लिए सैनिकों को बेझता है। सैनिक जल्दी से जाकर दाईमा को बुलाकर लाते हैं।
लीलावती का चिल्ला चिल्ला कर बुरा हाल हो चूका था इसका कारण ये था लीलावती पेट से थी और उसका ये नोवा महीना चल रहा था । दाईम ने लीलावती के हाथ को पकड़ा और कहा घबराइए नहीं रानी सब कुछ ठीक हो जाएगा
लेकिन रानी की चीखे नही रुक रही थी इधर राजा भी बोहोत चिंतित थे तभी कुछ देर बाद छोटे से बच्चे के रोने की आवाज़ महल के अन्दर गूंजने लगती है और दाइम बाहर आकर राजा से "बधाई हो महाराज आपकी दो दो जुड़वा बिटिया हुई है
" ये सुनकर राजा खुशी से झूमने लगा और उसने अपने हाथों से एक सोने का कड़ा निकालकर दाइमा को देते हुए कहता है" आज मेरे लिए बोहोत ही खुशी का दिन है अगर आज आप ना होती तो पता नहीं क्या होता लो ये सोने का कड़ा तुम्हारा इनाम है अरे सैनिको जाओ इन्हें हमारी सोने की तिजोरी से जीतना सोना ये ले जा सके इन्हें उतना सोना दे दो" ।
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होनी।Honi।Auther -sachin kumar
Horrorसुना है सबकी होनी पहले से ही लिखी हुई है, आखिर किसके साथ क्या होना है ये सब पहले ही तय होने के बाद मनुष्य धरती पर जन्म लेता है आखिर कोन थी ये होनी क्या उसका भी कोई वजूद था ये जानने के लिए देखना ना भूले हमारी कहनी (होनी सब की) जिसके लेखक है सचिन कुमार