मोहब्बत और किस्मत एक ही सिक्के के दो पहलू... पर तब क्या हो जब... दो लोगों की जिंदगी एक दूसरे से ना मोहब्बत से जुड़ रही है ना ही किस्मत से पर... किस्मत खेले ऐसा कोई खेल की वो बंध जाए एक अनचाहा बंधन से ? जी हां! ऐसी ही है मोहब्बत से बेगानी, क़िस्मत से अनजानी रीवा और वंश की कहानी। एक तरफ से मिडल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करती प्यारी, सिंपल... लेकिन बेबाक रीवा शर्मा जिसके लिए अपने पिता को खोने के बाद उसकी माँ ही सब कुछ है और उनकी खुशी के लिए वह कुछ भी कर सकती हैं। जिस चक्कर में एक लड़के से शादी करने के लिए हां तक कर दी बिना उसे ठीक से जाने।
वहीं दूसरी तरफ है वंश सिसोदिया, राजस्थान उदयपुर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन जिसे वहां का "किंग विथऑउट अ क्राउन" भी कहा जा सकता है। उसके लिए भी रीवा की तरह अपना परिवार ही सबसे ऊपर है। लेकिन सालों पहले हुआ था कुछ ऐसा जिसके बाद... मोहब्बत के लिए इसके दिल के दरवाजे हमेशा हमेशा के लिए बंद हो गए। हुआ तो करता था यह भी बहुत मासूम लेकिन... उस एक इंसिडेंट की वजह से वह मासूम वंश सिसोदिया कहीं खो सा गया और सबके सामने उभर कर आया... रफ, प्लेबॉय और बिजनेसमैन वंश सिसोदिया। जिसके साथ एक बार काम करने के लिए भी लोग मुद्दतों का इंतजार करते हैं।
दोनों है तो एक दूसरे से बिल्कुल अलग और बिल्कुल जुदा पर... पर इनकी पहली मुलाकात ने ही वंश के मन में रीवा के लिए नफरत भर दी जिसके बाद... जब तक वंश की नफरत उसके मन से दूर हुई... तब तक किस्मत ने ऐसा खेल रचाया कि... मजबूरी में और रीवा की बिना मर्जी के वंश को उसे ब्लैकमेल कर उसके साथ करनी पड़ी छह महीने के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैरेज। पर इन सब की वजह से अब रीवा करने लगी थी वंश से नफरत। जिसके बाद तो अब इनके बीच मोहब्बत का आना तो सिर्फ उस ऊपर वाले के हाथ में था।
तो क्या लगता है आपको! किस्मत और नफरत के इस खेल में... क्या हो पाएगी इन दोनों में मोहब्बत ? क्या ज़िन्दगी भर का रहेगा यह साथ इस अनचाहे बंधन के बावजूद ? और क्या थी वह वजह जिस वजह से वंश ने की रीवा के साथ ये अनडिज़ायरेबल मैरेज ? जानने के लिए बने रहें इस कहानी के साथ।
धन्यवाद !
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UNDESIRABLE MARRIAGE (Hindi Story)
Romansaमोहब्बत और किस्मत एक ही सिक्के के दो पहलू... पर तब क्या हो जब... दो लोगों की जिंदगी एक दूसरे से ना मोहब्बत से जुड़ रही है ना ही किस्मत से पर... किस्मत खेले ऐसा कोई खेल की वो बंध जाए एक अनचाहा बंधन से ? जी हां! ऐसी ही है मोहब्बत से बेगानी, क़िस्मत से...