haal-e-dil in baarish

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बादल यू बारिश बन बरस गए...
हंसी ख्वाब जो देखे वो हकीकत को तरस गए, किताबों में थी जो कहानी मेरी ...
बस किताबों में उलझे रेह गए

The clouds poured down as rain...
The joyful dreams I saw longed for reality.
The story that was written in books...
Remained tangled within those pages.

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