मेरा मन आकाश के भंवर में गोते खाने लगा। मैने दिनभर उनके साथ बात की, मैसेज किए,उनके हर सवाल का जवाब दिया । उनकी पसंद क्या है और क्या पसंद नहीं है वो सब समझ लिया। उन्होंने मेरे इंस्टाग्राम और ट्विटर के सारे फोटोज देख लिए थे पहले ही। मेरे साथ शाम में वीडियो कॉल भी किया, ताकि वो भी जेनुइन पर्सन है ये मुझे भी पता चले। मैने उनको सुबह से ही सब बता दिया था मेरे क्रॉसड्रेसिंग के बारे में।
हम दोनो को पसंद पता चली तो बस मिलने का बहाना चाहिए था।
मेरी रात बोहोत बेकार नींद में गई, नींद पूरी भी नहीं हुई थी और दूसरे दिन ऑफिस में जाते ही नींद आने लगी। इस दिन शाम तक उनका कोई मैसेज या कॉल नहीं आया। मैं समझ गई कि उनको शायद कल सिर्फ मन बहलाने के लिए मेरे से बात किया होगा दिन भर। दिन ढलते ढलते ही मेरा मन मुरझाने लगा। और शाम को उनका ही मैसेज आया कॉल के लिए।
उनके साथ 30 mins तक कॉल करके मन बोहोत खुश हुवा। उन्होंने मुझे नवरात्रि के दूसरे दिन पे ही बुलाया था उनके फार्महाऊस पे इंदौर मे।
बस, मैने सारा क्रॉसड्रेस का सामान और 3- 4 साड़ियां वगैरह पैक किया। उन्होंने भेजे हुवे टिकट्स पे इंदौर पोहोंची तब सुबह के 11 बज गए थे। उनका फॉर्महाउस का लोकेशन था " सिलोदा बुजुर्ग " और मुझे टैक्सी मिली सिर्फ मिलेनियम सिटी तक। उसके आगे वो टैक्सी वाले ने जाने से मना कर दिया। मेरा जी बोहोत घबरा रहा था। रोड पे चलते चलते मैने किसी बंदे से लिफ्ट ले ली और उसने मुझे सिलोदा तक छोड़ा। चारों ओर देखा तो सिर्फ खेत ही खेत और कुछ 2 मंजिले के बंगलो। मैं उनके फॉर्महाउस पे पोहोंचि तब तक दोपहर के 1 बज रहे थे। फॉर्महाउस के गेट से उनका बंगलो और 100 200 मीटर अंदर था। मैने बैग उठाया और बंगलो तक जा पोहोंची। उनको फॉर्महाउस आने में वक्त था और 4 घंटे का। उनके बताए जगह पे मुझे बंगलो की चाबियां मिलीं। मैं अंदर गई तो एकदम साफ सुथरा दिख रहा था और जगह जगह पर राजपूताना स्टाइल दिख रहा था। फ्रेश होके किचन में पोहोंची तो देखा कुछ पैकेज फूड पड़े हुवे थे और फ्रिज में बोहोत सारी जूस की बॉटल्स थी और ऊपर फ्रीजर में ice cubes के ट्रे थे। मैं हंस रही थी क्योंकि उन्होंने मेरा बताया सारा सामान लेकर रखा हूवा था।
आप पढ़ रहे हैं
इंदौर का अनुभव
RomanceReal experience of myself as a crossdresser boy on the visit of Indore City friend. इंदौर शहर में मेरा क्रॉसड्रेसिंग का अनुभव । सत्य कथा ।