सुहागरात की महक

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उन्होंने बेड के बाजू का बटन दबाया और बेड धीमे धीमे घूमने लगा| मुझे जरासा भी अंदाजा नहीं था की इस तरह का कोई घुमाता हुआ बेड भी होगा। उन्होंने मेरे कमर को एक हाथ से कसक कर दूसरे हाथ से मेरी पेटीकोट उतारी और बेड पर फेंक दि, और फिर ब्रा भी ब्लाउज के अंदर हाथ डालके निकाल कर बेड पर फेंक दिया । मेरे शरीर पर सिर्फ ब्लाउज और पैंटी और सब ज्वेलरी थी| मैं एक अबला दुल्हन के रूप को सभी आईनों में बारी बारी देख रही थी। और राजपूत साब ये सब करते करते किसिंग में मशगूल थे| फिर मुझे बेड पे पेट के बल और मुह थोड़ा ऊपर करके जीभ बाहर निकालके लेटने को बोला, मगर कुछ इस तरह की जैसे जैसे बेड घूमेगा, मैं गोल गोल घूमते उनका लंड जब मेरे सामने आएगा तो मुझे उसको चूमना होगा| वो मुझे सारे आयने में अलग अलग एंगल से देखने लगे| 5-10 बार गोल घूमने से ही उनका ठंडा पड़ा हुवा लंड हवा में फैलने लगा और मेरे लिपस्टिक के रंग उसपे लग गए| और मैं बेड पर घूमते हुवे तीनों आईनों में वही झांकी देख रही थी।गोल गोल घुमते घूमते उनका लन्ड भी मोटा तगड़ा और सख्त दिखने लगा।
फिर बेड पर चढ़कर मेरे साथ करवटें लेना शुरू कर दिया और साथ में मेरे बदन पर लेटकर पिछेसे मेरी नथनी को पकड़कर गाल और होठों को चूमते रहे। फिर नीचे सरक कर मेरे नितंब के छेद से butt plug को निकालकर बेड के नीचे फेंक दिया और मेरी टांगों को हाथ से फैलाकर मेरे नितंब की गोलाई को और छेद को अपने गरम होठों से चूमने लगे और उनके हाथ मेरी नरम कोमल पीठ पर बंधे ब्लाउज से लेकर हाथोंकी चूड़ियोंतक और कमरबंद से लेकर पैरोंकी पायल तक इस तरह घूमने लगे जैसे चीते को कोई शिकार मिलता है तो वो उसकी गर्दन के साथ सारे शरीर पर बंधन लगा देता है। मैं उनके लिए शिकार ही थी और वो मेरे चीता।
फिर मुझे पीठ के बल सोने को बोला और टांगे ऊपर करके मेरी छेद में नरम जीभ घुसाकर रिमिंग करने लगे। हर एक चुम्मी और रिमिंग के साथ मैं हवा में बह जाती। शिकार को हवा में घुमाके खानेवाला चीता।
मैं भी आराम से ये माहोल और मुलाकात दिमाग में भर रही थी और ऊपर छत में लगे आयने में हम दोनो की गोल घूमती हुई छवि देखकर माहोल का मजा लूट रही थी। उनके रिमिंग के साथ मेरे दोनो पैर बेड पर अपने आप घिसने लगे और उन पायलों से मधुर संगीत की तरह आवाज आने लगी, मेरी चूड़ियां भी उस आवाज में रंग भरने लगीं, साथ ही साथ मेरी मुंह से आहें निकलने लगीं और पूरा बेडरूम का माहोल एक मदमस्त सुहागरात के पहले चरण जैसा हो गया। उस आवर्तन को पूरा करनेके बाद, उन्होंने हंसते हुवे बोला "अभी तो बस शुरू किया है मैने प्राजक्ता, तुम्हे पूरी तरह लूटने का इंतजाम किया है, मजा आ रहा है ना?" मैने उनको हां कहकर अपने बदन को एक नई नवेली दुल्हन की इस तरह मरोड़ दिया जिससे मुझे उनको मजा देने में कोई शर्म नही आए। अब मेरे बदन पे नथनी ज्यादा दर्द कर रही थी और मेरे अंदर की आग को बढ़ावा दे रही थी। वो बेड से उठकर फ्रिज से ice cubes लेकर आए और बाजू वाले टेबल पर ट्रे रख दिया। दो ice cubes लेकर एक मेरे कमरबंद के ऊपर नाभी के छेद पर रख दिया और दूसरा मेरे गालोंसे, गलेसे, ब्लाउज के अंदर छाती के निपल्स को सहलाते हुवे पेट और कमर को ठंडा करते हुवे वापिस दोनो हाथों की चूड़ियों तक और फिर मेरी जांघों से होते हुवे पूरे पैरों को ठंडा करते हुवे पायल को छूकर खत्म हो गया। साथ ही साथ नाभी में पानी भरकर पहला ice cube भी पिघल गया। "बदन में इतनी गर्मी है की एक ice cube इतना जल्दी खत्म हो गया? तुम्हे ठंडा करने के लिए तो मुझे बोहोत कोशिश करनी पड़ेगी, लगता है।" उन्होंने और एक ice cube उठाते हुवे कहा, और उसी तरह ice cube घुमाने लगे।

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