Chapter : 5

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एक दम ख़ुशी और पूरे जोश से गगन बोली "मेरी शादी पक्की हो गयी "

"ओह, अच्छा .... हाँ ठीक है .... बढिया . . .कब ? " आकाश ने रुक रुक कर पूछा.

"कल ही तय हुई , तीन महीने बाद का मुहुरुत निकला है , तुम्हे आना होगा " गगन ने कहा .

"हाँ जरूर और बधाई हो " आकाश ने कहा .

अभी गगन कुछ बोल पाती उस से पहले ही आकाश बोल पड़ा "ठीक है , बाद में बात करता हूँ , अभी मेरी क्लास का वक़्त हो रहा है . इतना कह क्कर आकाश ने फ़ोन काटने के लिए बटन दबाया मनो जैसे अपने मन की किसी बात को दबा रहा हो. और फिर उसके बाद लेक्चर भी नहीं लगाया और कैंटीन मैं बैठ कर कुछ सोचता रहा .

धीरे-धीरे वक़्त बीतता गया , एग्जाम हुए ,रिजल्ट आया और अच्छी जॉब ऑफर भी आई , पर अपने घर से दूर noida में . जहाँ आकाश अभी भी काम कर रहा है, बिना कुछ सोचे आकाश ने जॉब ऑफर एक्सेप्ट कर ली. उसकी जोइनिंग के पहले हफ्ते ही गगन ने कॉल की और कहा की

" noida में नौकरी लग गए हो, सोचा की बधाई दे दू और यह भी याद करवा दूँ की अगले 10 दिन बाद मेरी शादी है " आकाश अभी कुछ सोच ही पाता की उस से पहले ही गगन बोली "तुम्हारी फेसबुक से पता चला तुम्हारी नौकरी के बारे में "

आकाश बोला " ओह हाँ , अच्छा थैंक्स "

"सिर्फ थैंकस" ?? गगन ने सवालिया अंदाज़ में पूछा .

और फिर बोली "तुम्हे invite कर रही हूँ , पहुँच जाना . "

"हाँ हाँ ठीक है ,जरूर पहुँच जाऊँगा मैडम जी" , आकाश ने बिलकुल वैसे ही पुराने अंदाज़ में बोला ,जैसे वो कॉलेज में ग्रेजुएशन के दिनों में उस से बात करता था . फिर दोनों ने थोड़ी और बातें करने के बाद okay बाय कहा और फ़ोन काटा. भगवान की मर्ज़ी थी या फिर ऐसा कोई confusing सा संयोग की गगन की शादी के दिन आकाश की कोई जरूरी डील/मीटिंग आ गयी और उसे एक दिन पहले ही गुजरात के लिए रवाना होना पड़ा. गगन की शादी के बाद 1 या 2 बार फ़ोन आया उसका और वो काफी नाराज थी आकाश से की वो उसकी शादी पर नही आया और शायद अब उनका मिलना भी मुश्किल था ,क्यों की गगन का पति NRI था और वह अपने पति के साथ विदेश में सेटल होने जा रही थी.

गगन आकाश और बारिशजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें