जिन्दगी अपने साथ सपनों की सतरंगी दुनिया लेकर आती है| चाहे वो अमीर के घर आए या फकीर के घर|खुशियां बराबर मनायी जाती है, फर्क तो सिर्फ प्रदर्शन के प्रक्रिया में प्रतीत होता है|जिन्दगी की पहली किलकारी सुनकर किस माँ-बाप का दिल खुशियों की कुलांचे नहीं मारने लगता है |
जब पतझड़ ने बसंत के लिए रास्ता छोड़ दिया,
जब प्रकृति ने पृथ्वी को रंग बिरंगे फूलों के गोटे से सजी हरी चुनरी पहना दी,
जब कोयल की कूक से कामिनियों के दिल बहकने लगे,
जब प्यार के पैगाम मंजिलों तक खुद ब खुद पहुँचने लगे;
ऐसे माहौल में एक नई जिंदगी ने इस लोक में कदम रखा| मिटटी की दीवाल के ऊपर खपड़ैल की छान से निर्मित एक बड़ा सा कमरा जिसे हम उस जमाने का स्टूडियो अपार्टमेंट भी कह सकते हैं | उसी कमरे के एक कोने में जज्बातों और भावनाओं के पुंज रूपी एक बालक का जन्म होता है, शुरू होती है "विकाश" की जीवन यात्रा|विकाश
के आते हीं उस परिवार में कुछ ऐसा हुआ कि लोग हैरान रह गए। पूरे गांव के लोग समझ नहीं पा रहे थे कि जो हो रहा है उसे समझें तो क्या समझें। पिला मामा (दादी) का घर पूरे गांव के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया था।
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क्या विकाश पगला गया है?
Historia Cortaकहानी एक ऐसे शख्स की जो परिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों के इंद्रजाल से बाहर निकल कर समाज हित में अपने आपको खपाने की ख्वाहिश रखता है