विकाश की पहचान यात्रा

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जशोदा के जरूरतों और ज़ज्बातों एवं जम्हूरियत के प्रति उत्तरदायित्व के बीच संतुलन बनाने की कोशिश का नाम है "विकाश", गुरुजनों के आदर्शवाद के पालन का आदेश और बर्तमान समय के व्यवहारिकता के बीच चल रहे संघर्ष का नाम है "विकाश" , "विकाश" नाम है उन तमाम युवकों का जो दिल में देश और समाज के लिए कुछ भी कर गुजरने की चाहत रखते है पर साथ है आधुनिक समय के महत्वाकांक्षी परिवार के सफल सञ्चालन की महती जिम्मेदारी.

जब जब जिस्मानी जरूरतों को नुरानी नजरानों के आगे नतमस्तक होते देखता, दिमाग की दमनकारी दलीलों को दिल की दरख्वास्तों के आगे दम तोड़ते देखता; उसकी शख्सियत मानसपटल पर चलचित्र की तरह अंकित हो जाता.

वह आज की दुनिया से अलग सोचता , दुनिया को दुनिया की निगाहों से परे देखता, और कुछ ऐसा कर जाता कि क्या अपने क्या पराये सब के सब कह उठते – " विकाश पगला गया है क्या?"


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