अल्फ़ाज़

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Lafjon se lafjon ka naya rag mil jata hai,
Phir dilon ka esa alfaj ban jata hai.....

Najro se najro ka ek khwab ban jata hai,
Jab ati hai bhavar to ye ghamasan ban jata hai......
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लफ्ज़ो से लफ्ज़ो का नया राग मिल जाता है
फिर दिलों का ऐसा अल्फ़ाज़ बन जाता है।

नज़रो से नज़रो का एक ख्वाब बन जाता है
जब आती है भाँवर तो ये घमासान बन जाता है।।
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