सब कहते थे कि प्यार में
नींद सुकून खो जाता है
हर वक्त बेचैनी रहती है
कुछ खाना भी नहीं भाता हैप्यार के राहों की तारीफें
मुझको बहुत डराती थीं
सोचा करती थे क्यूं सबसे
ये पागलपन करवाती थींप्यार की गलियों में जाना
अपने तो बस की बात नहींं
खाने और सोने की कीमत
पर प्यार मुझे बर्दाश्त नहींमैं गुम थी अपनी दुनिया में
क़िस्मत ने करवट ली ऐसे
ले आई उसे जो आया था
एक मकसद से जाने कैसेमेरे आंखों की उसकी आंखों से
कुछ अलग सी बात हुई
उसकी बेरुखी बातों से
मेरे प्यार की शुरुआत हुईगुम होती गई उन राहों में
जिनसे कभी डर लगता था
उसके साथ होने से
हर वक्त सुहाना लगता थाहम-दोनों के जुड़ने की
सबसे अच्छी जो बात रही
नींद सुकून सलामत है
खाने में स्वाद अब ज्यादा है
YOU ARE READING
Poems by Wizard's Apprentice (Book 1)
PoetryThis poetry book is written for A Poem A Day Challenge by @PoetsPub for the year 2018. Cover picture credit: PicsArt This is Book 1 (From 01.01.2018 to 31.03.2018) Finally challenge accepted! Thank you note: Thank you @SAKrishnan, @AnkuGarg and Bos...