#75# 16.03.2018 (Hindi)

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सब कहते थे कि प्यार में
नींद सुकून खो जाता है
हर वक्त बेचैनी रहती है
कुछ खाना भी नहीं भाता है

प्यार के राहों की तारीफें
मुझको बहुत डराती थीं
सोचा करती थे क्यूं सबसे
ये पागलपन करवाती थीं

प्यार की गलियों में जाना
अपने तो बस की बात नहींं
खाने और सोने की कीमत
पर प्यार मुझे बर्दाश्त नहीं

मैं गुम थी अपनी दुनिया में
क़िस्मत ने करवट ली ऐसे
ले आई उसे जो आया था
एक मकसद से जाने कैसे

मेरे आंखों की उसकी आंखों से
कुछ अलग सी बात हुई
उसकी बेरुखी बातों से
मेरे प्यार की शुरुआत हुई

गुम होती गई उन राहों में
जिनसे कभी डर लगता था
उसके साथ होने से
हर वक्त सुहाना लगता था

हम-दोनों के जुड़ने की
सबसे अच्छी जो बात रही
नींद सुकून सलामत है
खाने में स्वाद अब ज्यादा है

Poems by Wizard's Apprentice (Book 1)Where stories live. Discover now