देख एक बेर नजरिया
घुमाबौ पूरा रामपुर शहरियादेखले गै रानी एक बेर देखले
बनाबौ हम तोरा अपन गुजरियातोरा से जे बात कहबौ कक्रो नै कहि
तोहर हमर साथ हेतै त भ जेतै पूरा दगर सहिअहा बिना जिबै कोना यो
आहा बिना मर्बै कोना योबनाबै तोरा हम अपन गिजरिया
आहा छि हमर यी ढुक् ढुकी और सास योआहा बिना हम भ जेबै जिन्दा लास यो
आहा बिना हमर जीवन क नै छै कोनो आस योदेख एक बेर नजरिया
घुमाबौ पूरा रज्बिराज सहरिया
आहा हमर बनै क करु एक बेर सहास यो
अहा बिना हम्रा सबकुछ लगै छै बक्बास योअहा जे भेटबै नाइँ यो
कहु हम जिवै कोना योअहै के फोटो देख देख काटै छि हम रैत
अहै के अटो देख देख काटै छि बर्सातदेख एक बेर नजरिया
बनाबै हम आपन गुजरिया गै ।।।।
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मैथिल आवाज
Poetryहमर संस्कृति विशाल एइछ सीता मैयाँ स बुद्ध तक इ ईतिहास एइछ कोइ हाम्रा किछो कहै हम्रा पहिचान मे भग्वान एइछ जनकपुर छिन्मस्ता जहैन सक्तिपिठ सब के आशिष् एइछ युगौ युगस यहा हमर पहिचान पहिचान एइछ बेर बेर यहै नमन य कि हमर संस्कृत महान एइछ