मेरे पंख, हैं किंतु मैं ऊड नहीं पाता। मेरे पैर हैं, किंतु में दौड़ नहीं पाता ।
ऐसी जंजीरों ने मुझे जकड़कर रखा है कि में बोल नहीं पाता मैं गा नहीं पाता ।
मैं कैद हू एक सुनदरे पिंजरे मैं क्या मैं बाहर निकल पाऊँगा ?
जंजीरें
मेरे पंख, हैं किंतु मैं ऊड नहीं पाता। मेरे पैर हैं, किंतु में दौड़ नहीं पाता ।
ऐसी जंजीरों ने मुझे जकड़कर रखा है कि में बोल नहीं पाता मैं गा नहीं पाता ।
मैं कैद हू एक सुनदरे पिंजरे मैं क्या मैं बाहर निकल पाऊँगा ?