1

128 11 5
                                    

|| पहला प्यार ||

एक वक़्त था, जब तुम दुनिया हुआ करते थे।
पर यह दिल जानता था कि तुम वो एक ऐसा ख्वाब हो,
जो मुक़म्मल नही हो सकता था।

भूल चुके थे, पर बड़ी मुश्किल से भुलाया था तुम्हें
मगर क़िस्मत का खेल देखो वापस तुम्हें हमारे दहलीज़ पर ला दिया।

मन में वो छुपी हुई, दबी हुई भावनाएं फिर उमड़ पड़ी, किसी नदी में प्रलय की भाँति।
क्यों आये तुम यहां? हमें न जानते हुए भी तड़पा रहे?
क्यों?

ख़ैर,
अब आये हो, तो जाओ। और वापस कभी मत आना,

क्योंकि तुम्हें फिर से भुलाना आसान नहीं होगा।

― Ik Lekhika🍂

Ankahe Alfaaz...Where stories live. Discover now