➢ A guy who wants his world to end.
➢ A girl who wants to craft a new world for him.
➢ He doesn't know her, and she's on her deathbed.
Niharika Chanda, a professional luthier, accidentally falls into the realm between life and death. She's stuck, un...
(Please use the scrolling mode to read) !!TRIGGER WARNINGS ALERT!!
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धीमे से आँखें खोलने पर घने अंधेरे के बीच में से होती एक धुंधली रोशनी निहारिका की आँखों में चुभती हुई आई। अपनी पलकें झपकाती हुई वह धुंधलापन मिटाने की कोशिश कर रही थी।
जैसे ही उसकी नजर थोड़ी सी साफ हुई, निहारिका के सिर में एक तीखा सा दर्द उठा। जैसे किसी ने उसके सिर में ज़ोर से कील ठोकी हो।
"आह!" दर्द से कराहती हुई निहारिका बिस्तर पर उठ बैठी। "आज तो सिर दुखेगा भाई।"
जैसे सिर दुखना तो उसके लिए आम बात हो, वह अपनी आँखें मसलती हुई अपने आस पास देखने लगी।
"ये क्या है? हॉस्पिटल बेड? मैं यहाँ—" तभी निहारिका को याद आया कि किस तरह एक अनजान शख़्स ने उसकी जान लेने की कोशिश करी थी। किस तरह वह वहाँ अंधेरे में लिफ्ट में ना जाने कितनी देर तक पड़ी थी।
मगर वह यहाँ आई कैसे? कौन लाया उसे अस्पताल? मेट्रो स्टेशन पर तो सब बाहर, रोड पर एक्सिडेंट वाली जगह पर मौजूद थे। और जहां तक निहारिका को याद था, उस आदमी ने बटन दबा कर लिफ्ट के दरवाज़े लॉक कर दिए थे। तो उस वक्त अंदर लिफ्ट में किसने देखा? और लिफ्ट कैसे खोली? और अगर वह इंसान लिफ्ट के पास ही था, तो तब कहाँ था जब निहारिका पर हमला हुआ था? उसने तब क्यों नहीं निहारिका को बचाया?
ऐसे कई सवाल निहारिका के दिमाग में सैलाब की तरह उमड़ रहे थे।
इतने में उस हॉस्पिटल रूम में एक नर्स दाखिल हुई। उस नर्स ने धीरे से अपने पीछे रूम का दरवाज़ा बंद किया और एक ट्रे हाथ में लिए वह अंदर आई। ट्रे को टेबल पर रख उसने एक इन्जेक्शन तैयार किया और निहारिका के शरीर से जुड़ी, वहीं थोड़ा ऊपर टंग रही बोतल में उस इन्जेक्शन के अंदर का पदार्थ मिला दिया।